छोटा न्हौण में हजारों शिव भक्तों ने किया पवित्र स्नान, 16451 ने ऑनलाइन किया रजिस्ट्रेशन
उतर भारत की प्रसिद्व मणिमहेश यात्रा के तहत जन्माष्टमी का छोटा न्हौण गुरुवार को 9:22 बजे आरंभ हो गया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उतर भारत की प्रसिद्व मणिमहेश यात्रा के तहत जन्माष्टमी का छोटा न्हौण गुरुवार को 9:22 बजे आरंभ हो गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने डल झील में पवित्र स्नान कर आस्था की डुबकी लगाई है। जन्माष्टमी का स्नान शुक्रवार यानी 19 अगस्त रात 11 बजे तक चलेगा। बहरहाल यात्रा में गुरुवार शाम तक 16 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण किया है। उल्लेखनीय है कि भरमौर में आयोजित होने वाली मणिमहेश यात्रा उत्तर भारत में प्रसिद्ध है। इस यात्रा में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु भगवान भोले नाथ के दरबार में हाजिरी भरने के लिए पहुंचते हैं। हालांकि प्रशासन के मुताबिक अधिकारिक तौर पर मणिमहेश यात्रा 19 अगस्त से आरंभ हो चुकी है, जबकि शास्त्रों के अनुसार जन्माष्टमी का छोटा न्हौण गुरुवार रात 9:22 बजे आरंभ हुआ।
प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम तक 16451 यात्रियों ने यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण किया है। प्रशासन की ओर से प्रंघाला में क्यूआर स्कैन की व्यवस्था है और कलूसई स्थित बैरियर पर रजिस्ट्रेशन के लिए कर्मचारियों की तैनाती की गई है। उधर, मणिमहेश यात्रा के छोटे स्नान में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को ही यात्रियों के भरमौर पहुंचने का सिलसिला आरंभ हो चुका है, जिनमें पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह व अन्य स्थानों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अधिक है। प्रसिद्ध भरमाणी माता मंदिर में हाजिरी भरने और पवित्र कुंड में स्नान करने के बाद यात्री डल झील की ओर रुख कर रहे हैं। (एचडीएम)
544 यात्रियों ने हेलि टैक्सी से किया सफर
मणिमहेश यात्रा में गुरुवार को हेलि टैक्सी से 296 यात्रियों ने भरमौर से गौरीकुंड के लिए उड़ान भरी, जबकि 248 यात्री डल झील में आस्था की डुबकी लगाने के बाद गौरीकुंड से भरमौर पहुंचे हैं। हालांकि गुरुवार को दोपहर में ऊपरी हिस्से में धुंध छा जाने के चलते हवाई उड़ानें नहीं हो पाई। इस दौरान यात्री शाम तक मौसम साफ होने के इंतजार में बैठे रहे। उल्लेखनीय है कि मणिमहेश यात्रा में हिमालयन हेलि टैक्सी और थुंबी एविएशन दो कंपनियां अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। गुरुवार को सुबह के समय मौसम साफ होने के चलते छह बजे के आसपास भरमौर स्थित हेलिपैड से उड़ानें आरंभ हो गईं, जिसके बाद दोनों कंपनियों के हेलिकाप्टरों ने भरमौर से गौरीकुंड और वापसी उपमंडल मुख्यालय के लिए उड़ानें भरीं।