प्रदेश में साल-दर-साल बढ़ा सब्जी उत्पादन का ग्राफ, दो वर्षों में 18 लाख टन से अधिक रही सब्जी की पैदावार
प्रदेश में सब्जी उत्पादन का ग्राफ साल-दर-साल बढ़ रहा है और इसमें बेमौसमी सब्जी उत्पादन एक बड़ा रोल अदा कर रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश में सब्जी उत्पादन का ग्राफ साल-दर-साल बढ़ रहा है और इसमें बेमौसमी सब्जी उत्पादन एक बड़ा रोल अदा कर रहा है। 2007-2012 की 11वीं पंचवर्षीय योजना में प्रदेश में सालाना निर्धारित किए गए 1300 मीट्रिक टन सब्जी उत्पादन के लक्ष्य को 2012-2017 की 12वीं पंचवर्षीय योजना में 1500 मीट्रिक टन सालाना किया गया था। आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में सब्जी उत्पादन का ग्राफ 16सौ मीट्रिक टन के लक्ष्य को पार करता रहा है वहीं बीते दो साल में यह ग्राफ 18 लाख टन के पार जा पहुंचा है। बीते एक दशक में ही प्रदेश में सब्जी उत्पादन का आंकड़ा करीब पांच सौ मीट्रिक टन बढ़ा है।
सब्जियों का उत्पादन प्रदेश में ऐसे समय में होता है, जब इन्हें पड़ोसी मैदानी राज्यों में प्रतिकूल मौसम होने के कारण पैदा नहीं किया जा सकता। बेमौसमी सब्जी उत्पादन में प्रदेश अग्रणी राज्यों में पहुंच चुका है। प्रदेश में बंदगोभी, टमाटर, मटर, फूलगोभी, आलू और शिमला मिर्च जैसी बेमौसम की सब्जियों का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। ये सब्जियां मैदानी इलाकों में तब पहुंचती हैं जब वहां इन सब्जियों की आमद कम होने लगती हैं। मानसून के बाद मैदानी इलाकों में टमाटर बाजार से गायब होने लगता है वहीं प्रदेश से टमाटर जुलाई से मैदानी इलाकों में भेजना शुरू किया जाता है और यह सप्लाई अक्तूबर तक जारी रहती है। बेमौसमी होने के कारण सब्जी उत्पादन से प्रदेश के किसान अच्छे दाम भी मिल जाते हैं।
यू बढ़ रहा कारोबार
वर्ष उत्पादन मी.टन
2012-2013—1398.05
2013-2014—1465.96
2014-2015—1576.45
2015-2016—1608.55
2016-2017—1653.51
2017-18— 1691.56
2018-19— 1722.14
2019-20— 1860.67
2020-21— 1867.41
पौष्टिकता,स्वाद लाजवाब
वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादित सब्जियां अधिक अनुकूल मौसम होने के कारण ज्यादा पौष्टिक व स्वादिष्ट पाई गई हैं। प्रदेश की कृषि जलवायु समशीतोष्ण सब्जियों तथा उनके बीजों के उत्पादन के लिए अति अनुकूल है।