शिमला। आने वाले समय में चीन की सीमा से सटे हिमाचल प्रदेश के गांवों की तकदीर बदलेगी। इन गांवों को केंद्र सरकार की वाइब्रैंट विलेज योजना के तहत लाभ होगा। राज्य सरकार की तरफ से इसके लिए राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली इस समिति में 21 सदस्य एवं 1 सदस्य सचिव है। समिति के सदस्यों में वित, योजना, गृह, ग्रामीण विकास, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, ऊर्जा, पर्यटन, भाषा संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, कृषि, बागवानी, वन व सहकारिता विभाग के सचिव, आई.टी.बी.पी. के डी.आई.जी., बी.एस.एन.एल. के सी.जी.एम., डी.सी. किन्नौर, ए.डी.सी. काजा, एम.डी. एस.जे.वी.एन.एल., डी.जी.एम. व कन्वीनर एस.एल.बी.सी. यूको बैंक शामिल हैं। यह समिति बैठक करके अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की वाइब्रैंट विलेज योजना में हिमाचल प्रदेश के अलावा अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख आते हैं। इस तरह कुल मिलाकर चीन की सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवों की आबादी को लाभ होगा। इससे क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध करवाया जाएगा। इसमें सड़क, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी सुविधा के अलावा क्षेत्र में संचार व्यवस्था उपलब्ध एवं वायु नैटवर्क को सुदृढ़ करना शामिल है, ताकि क्षेत्र का विकास हो सके। क्षेत्र के विकास के अलावा इस योजना का उद्देश्य सुरक्षा के ढांचे को भी मजबूत करना है।