हिमाचल सरकार ने ग्राम पंचायतों की तर्ज पर अब शहरी क्षेत्रों में भी परिवार रजिस्टर बनाने का निर्णय लिया है। शहरी क्षेत्रों में परिवार रजिस्टर को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा 48 ए धारा 308 ए और हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा 43 (5) और धारा 393 में संशोधन किया है। इससे शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के बारे में महत्वपूर्ण डाटा उपलब्ध होगा, जिसके उपयोग से संसाधनों के बेहतर आवंटन सुनिश्चित कर जन कल्याण के लिए योजनाएं बनाई जा सकेंगी। नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के परिवार रजिस्टर के रखरखाव नियम 2023 के एक प्रारूप को मंत्रिमंडल ने हाल ही में मंजूरी दी है। अभी तक केवल ग्राम पंचायतों में ही परिवार रजिस्टर रखे जाते थे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि परिवार में रहने वाले सदस्यों, उनके व्यवसाय, जाति, शैक्षणिक स्थिति और अन्य आवश्यक विवरणों का रिकॉर्ड रखना महत्वपूर्ण है।
पारिवारिक रिकाॅर्ड सुनिश्चित होने से सरकार की ओर से प्रायोजित कल्याणकारी योजनाओं का स्थानीय निकायों के लोगों को लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी। संशोधित नियमों में वार्ड समिति के संबंधित सचिव को वार्ड के वास्तविक निवासियों के परिवारों के विवरण के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना आवश्यक होगा। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी या नगर पंचायत के सचिव या फिर इसके लिए विशेष रूप से नामित सत्यापन अधिकारी की ओर से रजिस्टर सत्यापित किया जाएगा। सभी आवश्यक संशोधन और सत्यापन पूरे होने के उपरांत तैयार किया गया अंतिम परिवार रजिस्टर अनुमोदन के लिए सदन के समक्ष रखा जाएगा और राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद संबंधित अधिकारी की ओर से यह डाटा ऑनलाइन मोड के माध्यम से आम जनता को उपलब्ध करवाया जाएगा।