पीएमजीएसवाई और नाबार्ड में विभाग ने छेड़ा काम, पीडब्ल्यूडी के हाथ दो बड़े प्रोजेक्ट

Update: 2023-02-23 10:23 GMT
शिमला
प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के हाथ दो बड़े प्रोजेक्ट लग गए हैं। दोनों प्रोजेक्ट केंद्र से मिलने वाली मदद से पूरे होंगे। राज्य सरकार को इनके लिए महज दस फीसदी रकम ही देनी होगी। राज्य सरकार लोक निर्माण विभाग में आगामी दिनों में 664 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पूरे करेगी। इनमें 442 करोड़ रुपए पीएमजीएसवाई के तहत लोक निर्माण विभाग को मिले, जबकि 222 करोड़ रुपए नाबार्ड के तहत प्रदेश में अलग-अलग सडक़ और पुल के प्रोजेक्ट पर खर्च होने वाले हैं। दोनों प्रोजेक्ट में राज्य की हिस्सेदारी 10 फीसदी तक रहेगी। यानि राज्य सरकार को करीब 66 करोड़ रुपए इस पूरी प्रक्रिया में खर्च करने हैं। इन दोनों प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद इन दिनों लोक निर्माण विभाग टेंडर प्रक्रिया को पूरा करने में जुटा है। गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग ने पिछले साल इन प्रोजेक्ट की डीपीआर नाबार्ड को भेजी थी। इनमें सबसे पहले घुमारवीं में एक बड़े पुल की मंजूरी सबसे पहले मिली थी, जबकि इसके बाद 37 प्रोजेक्ट भी मंजूर कर लिए गए। हालांकि लोक निर्माण विभाग ने इस साल जनवरी में जिन प्रोजेक्ट को मंजूरी के लिए भेजा था, उन्हें नाबार्ड ने रोक लिया है।
नाबार्ड के तहत ज्यादातर सडक़ों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाना है। पीडब्ल्यूडी इकलौता ऐसा विभाग है, जिनके पास सबसे अधिक काम इस समय है। ऐसे में नाबार्ड के माध्यम से मार्च में राज्य सरकार 222 करोड़ रुपए से विकासात्मक कार्यों की शुरुआत कर सकती है। उधर, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि नाबार्ड के तहत मंजूर हुए प्रोजेक्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है। इन प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। मार्च के पहले सप्ताह में टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद शिलान्यास के साथ ही प्रदेश भर में नाबार्ड के सभी प्रोजेक्ट शुरू होंगे। खास बात यह है कि इन प्रोजेक्ट पर राज्य सरकार को ज्यादा धनराशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि विभाग पीएमजीएसवाई के अगले प्रोजेक्ट के लिए भी प्रयास कर रहा है। इसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।
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