धर्मशाला: पैराग्लाइडिंग की विश्व प्रसिद्ध घाटी बिलिंग के लिए नए नए रास्ते के तहत टेक ऑफ साइट बिलिंग में 22 लाख रुपये की रबर मैट बिछाई गई ताकि पैराग्लाइडर आसानी से उड़ान भर सकें। लेकिन भारी बरसात के मौसम में बिलिंग में पहुंचे जानवरों ने एक जगह अपने गोबर से मैट की शक्ल बिगाड़ दी। गौर करने वाली बात यह भी है कि संबंधित विभाग इसके रख-रखाव में विफल रहा. यदि बरसात के मौसम में इसकी घेराबंदी कर दी गई होती तो यह चटाई खराब नहीं होती। अब जब 15 सितंबर के बाद बिलिंग घाटी में उड़ानें शुरू हो गई हैं. इतना ही नहीं अक्टूबर माह में अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता भी आयोजित होने वाली है।
ऐसे में किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए रबर मैट का होना जरूरी है. इसे लेकर साडा अध्यक्ष एसडीएम बैजनाथ देवी सिंह ठाकुर ने टेक ऑफ साइट बिलिंग का दौरा किया। इस मौके पर साडा पर्यवेक्षक रणविजय भी उनके साथ थे. उन्होंने बताया कि बिलिंग की एक टेक ऑफ साइट ही गोबर से खराब हो गई है। शेष तीन साइटें उत्तम हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक व्यक्ति की ड्यूटी लगाई गई है जो मैट की देखरेख करेगा। बैरिकेडिंग से जानवरों को भी आने से रोका जा सकेगा। टेक ऑफ साइट का जो भी हिस्सा बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है, उसकी जल्द ही मरम्मत की जाएगी ताकि पैराग्लाइडर पायलट आसानी से उड़ान भर सकें। उन्होंने यह भी बताया कि अक्टूबर माह में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता से पहले इसे दुरुस्त कर लिया जायेगा.