कोरोना के उपचार के लिए बाजार में जल्द आएगी टैबलेट, परीक्षण के लिए हिमाचल के सीडीएल पहुंचे बैच
देश में लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीका लगाने से जल्द छुटकारा मिल जाएगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीका लगाने से जल्द छुटकारा मिल जाएगा। सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी (सीडीएल) कसौली में पहली कोरोना टैबलेट कम वैक्सीन के सैंपल बैच जांच के लिए पहुंचे हैं। अमेरिका में बनी इस टैबलेट को बेंगलुरु की सिनजिन कंपनी ने आयात किया है। परीक्षण में खरा उतरने पर जल्द यह बाजार में कोरोना के उपचार के लिए उपलब्ध होगी। हालांकि वैक्सीन के यह क्लीनिकल ट्रायल बैच हैं। सीडीएल के विशेषज्ञों की टीम टैबलेट की प्रमाणिकता जांच करने के लिए जुट गई है। आगामी दो माह के भीतर इसके रिजल्ट आने की उम्मीद है। अगर यह पैमाने पर खरी उतरती है तो यह देश की पहली टैबलेट कम वैक्सीन होगी। उधर, बताया जा रहा है कि अमेरिका में भी इसके क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं।
गौर रहे कि देश में बनने, आयात और निर्यात होने वाली वैक्सीन को सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी कसौली से लाइसेंस लेना पड़ता है। इसके बाद ही वैक्सीन को कंपनी की ओर से बाजार में उतारा जाता है। इसी लैब से कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पूतनिक-वी, कोरोना वैक्सीन जायकॉव-डी, जॉनसन एंड जॉनसन, नोवोवैक्स, कोवोवैक्स, कोर्बोवैक्स, स्पूतनिक लाइट समेत अन्य कई वैक्सीन को ग्रीन टिक दिया है। हालांकि ये सभी वैक्सीन टीके के रूप में हैं, लेकिन अब देश में कोरोना के उपचार के लिए टैबलेट भी आने वाली है। इससे टीके से डरने वाले लोगों को राहत मिलेगी। उधर, सीडीएल के निदेशक सुशील साहू का कहना है कि बेंगलुरु की सिनजिन कंपनी ने कोरोना के उपचार के लिए अमेरिका में तैयार टैबलेट के फेज दो के सैंपल बैच परीक्षण के लिए भेजे हैं। लैब में परीक्षण शुरू कर दिया गया है। जल्द ही इसके परिणाम आने की उम्मीद है।
क्लीनिकल ट्रायल के लिए कंपनी करेगी आवेदन
टैबलेट कम वैक्सीन के परीक्षण में खरे उतरने के बाद कंपनी भारतीय औषधी महानियंत्रक (डीसीआईजी) को डाटा सौंपेगी। इसके बाद कंपनी क्लीनिकल ट्रायल के लिए कंपनी डीसीआईजी के पास आवेदन करेगी और लोगों पर इसके प्रभाव के बारे में रिपोर्ट तैयार करेगी। इन प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद टैबलेट कम वैक्सीन को संयुक्त रूप से तैयार किया जाएगा और डीसीआईजी से आपात मंजूरी मिलने पर ग्रीन टिक लेकर कंपनी टैबलेट को बाजार में उतारेगी।