गिरि परियोजना से ठप्प हुई सप्लाई, शहर में गहराया पेयजल संकट

Update: 2023-07-30 09:57 GMT
शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में वाटर सप्लाई सिस्टम पटरी पर लौटता नजर नहीं आ रहा है, जिससे पेयजल संकट गहराता ही जा रहा है। शहर में दिन-प्रतिदिन पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है। ऐसे में लोगों को जल प्रबंधन कंपनी चौथे दिन भी निर्धारित शैड्यूल के तहत पानी आबंटित नहीं कर पा रही है। शहर को सबसे अधिक पानी देने वाली गिरि पेयजल परियोजना बारिश के कारण गाद जमा होने से बंद पड़ी हुई है। गिरि से शनिवार को एक बूंद भी पानी नहीं मिला है। गिरि में वाटर लिफ्टिंग दिनभर ठप्प पड़ी रही। गाद की मात्रा 4040 एनटीयू तक पहुंच गई है। इसके चलते गिरि में लगाए गए ट्यूब सैटलर ने भी काम करना बंद कर दिया है।
जल प्रबंधन कंपनी के कर्मचारी दिनभर गिरि में ट्यूब सैटलर में जमा हुई मिट्टी व रेत को साफ करने में लगे रहे। दिनभर सफाई अभियान चलता रहा है। वहीं शहर के कई इलाकों में पानी की किल्लत अधिक है। कसुम्पटी क्षेत्र में पानी की किल्लत के चलते लोग प्राकृतिक जल स्त्रोतों से पानी भरने को मजबूर हो गए हैं। शनिवार को यहां पर लोगों ने गाड़ियों में पानी की गैलन भरकर लाईं। लोगों को चौथे दिन भी पानी की आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। बता दें कि गिरि पेयजल परियोजना आधे से ज्यादा शहर को पानी की आपूर्ति करती है। शनिवार को गिरि से महज 25.16 एमएलडी पानी ही शहर को मिला है। इसी तरह गुम्मा से 18.10, चुरट से 2.52, सियोग से 0.45, चैयड़ से 0.60 और कोटी बरांडी से 3.49 एमएलडी पानी मिला है। वहीं मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि गिरि में गाद के कारण स्थिति बिगड़ रही है। प्रयास किए जा रहे हैं कि गिरि से पर्याप्त पंपिंग शुरू हो सके।
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