भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाएंगे सख्त कानून, सुक्खू

Update: 2024-03-13 02:18 GMT
फतेहपुर। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पूरी सतर्कता और सावधानी से कार्य कर रही है तथा इसे पूरी तरह से रोकने के लिए और सख्त कानून बनाए जाएंगे। यह बात उन्होंने आज कांगड़ा जिला के फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने फतेहपुर में सिविल कोर्ट खोलने, फतेहपुर में शहीद स्मारक बनाने, फतेहपुर और राजा का तालाब में सीवरेज सिस्टम का निर्माण करने, रे कालेज का नामकरण स्वर्गीय सुजान सिंह पठानिया के नाम पर करने, राजा का तालाब में ऐतिहासिक तालाब के जीर्णोद्धार के लिए 75 लाख रुपए, नंगल पटवार सर्कल को पुनः खोलने, तलाड़ा-डक-गुरियाल-चकबाड़ी में 33 केवी सब स्टेशन स्टेशन बनाने और बागवानी विभाग का पीसीडीओ फार्म खोलने की घोषणा की। इससे पूर्व, सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 232 करोड़ रुपए लागत की 14 विकासात्मक परियोजनाओं की सौगात दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने जीवन में कभी सिद्धान्तों से समझौता नहीं किया और हमेशा आम लोगों की आवाज को उठाया है। मैं एक आम परिवार से संबंध रखत हूं और आम लोगों के दुःख, किसानों की पीड़ा और कर्मचारियों की समस्या को भी जानता हूं। सीएम सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके सामने जो चुनौतियां थीं उनमें सबसे पहली चुनौती प्रदेश को आर्थिक बदहाली से बाहर लाने की थी। लेकिन मैंने आर्थिक चुनौतियों का सामना डटकर किया क्योंकि कर्ज के सहारे व्यवस्था नहीं चल सकती। उन्होंने कहा कि आज प्रत्येक हिमाचली पर एक लाख रुपए से अधिक का कर्ज है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के एक माह बाद मैंने अधिकारियों से पूछा कि प्रदेश कैसे चलेगा तो उनसे जबाब मिला कि पिछली भाजपा सरकार ने राजस्व की तरफ ध्यान ही नहीं दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने आर्थिक चुनौती का सामना युद्ध की तरह किया और बेहतर वित्तीय प्रबन्धन से आर्थिक मोर्चे पर आगे बढ़ रहे हैं । हमें गर्व महसूस होता है कि एक साल के भीतर प्रदेश की 20 प्रतिशत अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में सफल हुए हैं। सीएम सुक्खू ने कहा कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने लूट के रास्ते को बंद किया और सरकार के ईमानदार प्रयासों से 2200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि राजस्थान में भाजपा की सरकार ने सत्ता में आते ही सबसे पहले कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई पुरानी पेंशन योजना को रद्द किया लेकिन हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनते ही हमने पहली कैबिनेट में पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया, ताकि सेवानिवृति के उपरांत सरकारी कर्मचारी व अधिकारी सम्मानजनक जीवन यापन कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम लोगों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा राजस्व लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अब तक 90 हजार से अधिक इंतकाल तथा सात हजार तकसीम के मामलों का निपटारा किया जा चुका है। इसके साथ ही कानून बनाकर अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना आरंभ की गई है। यही नहीं, विधवा एवं एकल नारी के बच्चों की शिक्षा का खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है जिनके कल्याण के लिए प्रदेश सरकार अनेक योजनाएं कार्यान्वित कर उनके जीवन को सरल बनाने के लिये प्रयास कर रही है।
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