शिमला
मंडी के बल्ह में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रभावित होने वाले लोगों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से विधानसभा परिसर में मिला। इन्होंने आग्रह किया गया कि सामाजिक प्रभाव रिपोर्ट के अनुसार बल्ह की भूमि बहुत ज्यादा उपजाऊ है, इसलिए इस एयरपोर्ट को कहीं और बनाया जाए। बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष, प्रेमदास चौधरी की अध्यक्षता में किसानों ने आग्रह किया कि सामाजिक मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर यह बात स्पष्ट हो गई है लेकिन पांच वर्षों से पूर्व जयराम सरकार अपने ड्रीम एयरपोर्ट को उपजाऊ जमीन पर बनाने पर अडी रही, जबकि अब रिपोर्ट के अनुसार हवाई परियोजना के लिए प्रदेश के मंडी और हमीरपुर के बीच वैकल्पिक भूमि जाहू को उपयुक्त माना गया है। ये तीन जिलों मंडी, बिलासपुर और हमीरपुर को जोड़ता है और वहां पर ज्यादातर भूमि बंजर और कम उपजाऊ है। बल्ह की तुलना में यहां भूमि अधिग्रहण से बहुत कम लोगों का विस्थापन होगा। सचिव नंदलाल वर्मा ने कहा कि सामाजिक सर्वे के आधार पर 100 फीसदी लोगों ने जमीन के सर्कल रेट को नकारते हुए बाजार भाव के आधार पर अपनी भूमि देने की शर्त रखी है, जबकि प्रचार किया जा रहा है कि ज्यादातर लोग अपनी जमीन देने के लिए सहमत हो गए हैं, जो सरासर झूठ है। अध्यक्ष, जोगिंद्र वालिया ने कहा कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने प्रस्तावित रिपोर्ट को आधा अधूरा बताकर उसे 31 मार्च 2023 तक दुरुस्त करने को कहा है, डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट अधूरी है, जिसमें अभी तक पर्यावण प्रभाव, बाढ़ क्षेत्र का न कोई जिक्र किया गया है, दूसरी तरफ बल्ह बाढ़ क्षेत्र के निवारण का जिक्र न होने के कारण एयरपोर्ट के बाहरी क्षेत्रों में जल भराव हो जाएगा।