कर्मचारी आंदोलनों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कड़े तेवर

कर्मचारी आंदोलनों के खिलाफ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सख्त रुख के कारण ओल्ड पेंशन पर न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के साथ बुलाई गई बैठक सफल नहीं हो पाई।

Update: 2022-02-24 04:08 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कर्मचारी आंदोलनों के खिलाफ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सख्त रुख के कारण ओल्ड पेंशन पर न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के साथ बुलाई गई बैठक सफल नहीं हो पाई। एनपीएस कर्मचारी महासंघ ने पुरानी पेंशन के लिए बुधवार को मंडी से शिमला के लिए पदयात्रा शुरू की, जबकि सरकार ने महासंघ अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर को बुधवार दोपहर बाद चार बजे बैठक के लिए शिमला बुलाया था। वह खुद इस बैठक में नहीं आए, जबकि राज्य महासचिव भरत शर्मा समेत राज्य कार्यकारिणी के कुल सात मेंबर इस बैठक में शामिल हुए। होटल पीटरहॉफ में यह बैठक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई, जिसमें सरकार की ओर से मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव फायनांस प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव शुभाशीष पंडा आदि शामिल थे। मुख्यमंत्री ने एनपीएस महासंघ के पदाधिकारियों को स्पष्ट कहा कि या तो पदयात्रा कर लीजिए या फिर सरकार से वार्ता कर लीजिए। दोनों काम एक साथ नहीं होंगे।

दरअसल यह बैठक अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की पहल पर हुई थी और महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर और महासचिव राजेश शर्मा भी इस बैठक में थे। मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिनिधियों को साफ कहा कि ओल्ड पेंशन को बहाल करने का क्या रास्ता होना चाहिए और राज्य सरकार के पास क्या विकल्प इसके लिए है, इन सब चीजों पर सरकार बात करना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि ओल्ड पेंशन के मामले को हल करना कुछ दिनों का मामला नहीं है। इसके लिए दो से अढ़ाई महीने का समय सरकार को लगेगा। सीएम ने कर्मचारी प्रतिनिधियों को यह भी बताया कि ओल्ड पेंशन को लेकर कमेटी गठित करने की प्रक्रिया भी चल रही है और यह फॉरमेशन भी जल्दी सामने आ जाएगी। इस दौरान वित्त विभाग के अफसरों ने एनपीएस कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधियों के पास मौजूद दस्तावेजों को भी ले लिया, ताकि जो तर्क एनपीएस कर्मचारी महासंघ दे रहा है, उसे स्टडी किया जा सके, लेकिन मुख्यमंत्री ने यह साफ कर दिया है कि अब वह दबाव की रणनीति को नहीं झेलेंगे।
इससे पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विधानसभा में भी मीडिया से बातचीत में सरकारी कर्मचारियों को चेतावनी दे चुके थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि आंदोलन के माध्यम से यदि अपनी बात कहेंगे तो उनकी मांग पर गौर नहीं होगा। उधर, बैठक के बाद अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने कहा कि ओल्ड पेंशन की मांग पर एनपीएस कर्मचारी महासंघ के साथ है और इसीलिए सरकार के साथ बातचीत कर इस मसले को हल करवाने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने बैठक में सारे मसले को समझा है, लेकिन यह भी संकेत दिया है कि पहले पदयात्रा खत्म करिए और उसके बाद सरकार बातचीत के लिए तैयार है अब गेंद एनपीएस कर्मचारी महासंघ के पाले में है। जब ये तैयार होंगे, दोबारा बातचीत हो जाएगी। बैठक में शामिल हुए एनपीएस कर्मचारी महासंघ के महासचिव भरत शर्मा ने बताया कि महासंघ ने तय शेड्यूल के अनुसार अपनी पदयात्रा मंडी से शुरू कर दी है और पहला दिन पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पहले इस आंदोलन को रोका जाए और उसके बाद ही बातचीत होगी। उनके इस संदेश को मंडी जाकर प्रदेश अध्यक्ष और अन्य कोर कमेटी के सामने रखेंगे और उसके बाद आगे के लिए फैसला होगा मुख्यमंत्री और सरकार की अप्रोच से यह लगा है कि वह इस मसले को हल करना चाहते हैं।
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