वन माफिया से निबटने के लिए सख्त हुई निगरानी, चौबीस घंटे चौकस रहेंगे वनरक्षक
हिमाचल: वनों में अवैध कटान रोकने के लिए वन विभाग मुस्तैद हो गया है। वनरक्षकों को 24 घंटे ड्यूटी पर रहने के आदेश दिए गए हैं। वन विभाग के आला अधिकारी औचक निरीक्षण के माध्यम से वनरक्षकों के ड्यूटी पर होने और वन कटान की नियमित जांच करेंगे। वन विभाग ने सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलिस की मदद लेने के लिए भी पत्राचार शुरू कर दिया है। इस संबंध में एक पत्र डीजीपी को लिखा गया है। पत्र में वन विभाग ने पुलिस कर्मचारियों की सुरक्षा मांगी है। पावंटा साहिब, नूरपुर और शिमला के ऊपरी क्षेत्र चीन की सीमा दूसरे राज्यों से जुड़ती है, में यह तैनाती की जाएगी। इन क्षेत्रों में लकड़ी माफिया बड़े पैमाने पर सक्रिय है और पड़ोसी राज्यों से घुसपैठ कर हिमाचल की सीमा में पेड़ों के अवैध कटान को अंजाम दे रहा है। वन विभाग ने यह सूचना दी है कि बाहरी राज्यों से घुसपैठ करने वाले माफिया हथियार लेकर चलते हैं और इनसे निहत्थे वनरक्षकों को जान का भी खतरा रहता है। ऐसे में पुलिस की मदद से इन क्षेत्रों में सक्रिय वन माफिया पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
वन विभाग के इस पत्र पर पुलिस की तरफ से जवाब आना बाकी है। बाद में इस व्यवस्था को समूचे प्रदेश में लागू किया जाएगा। उधर, वन विभाग के प्रधान मुख्य अरण्यपाल अजय श्रीवास्तव का कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में वन विभाग निगरानी के लिए पुलिस की मदद लेगा। इस बारे में पत्र पुलिस विभाग को भेजा गया है। अन्य क्षेत्रों में सुरक्षा का जिम्मा वन रक्षकों के पास ही है। उन्हें साफ निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वनरक्षकों को चौबीस घंटे ड्यूटी देने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा निगरानी के लिए अधिकारियों को तैनात किया गया है। वनों में कटान के मामलों की जानकारी स्थानीय लोगों से भी जुटाई जा रही है।
एक वनरक्षक के पास 18-20 हेक्टेयर क्षेत्र: वन विभाग में एक वनरक्षक के पास 18 से 20 हेक्टेयर क्षेत्र दिया गया है। बीट में विभाजित इन क्षेत्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी चौबीस घंटे तय की गई है। वन विभाग ने फिलहाल नई चौकियां स्थापित नहीं की हैं।