जवाली। विधानसभा क्षेत्र जवाली के अधीन कोटला पंचायत के बाशिंदों ने बुधवार का दिन मूसलाधार बारिश के चलते सडक़ किनारे खड़े होकर गुजारा तथा रात को भी कोटला के बाशिंदे प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में ठहरे तथा वहां पर ही भोजन किया। कुछ लोग तो अपने-अपने रिश्तेदारों के घर चले गए थे, जो कि सुबह वापस अपने घर पहुंचे।
नन्हें बच्चे पूरी रात बिलखते रहे तथा बाशिंदे बारिश में भी पल-पल दरकती पहाड़ी की तरफ देखते रहे। रात को कोई भी कोटला का बाशिंदा अपने घर वापस नहीं गया। गुरुवार सुबह लोग राहत शिविरों से उठकर अपने-अपने घरों को गए। रास्तों-गलियों में कीचड़ भरा होने के कारण लोगों को अपने घरों तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पहले रास्तों व गलियों से मलबा को हटाया गया तथा वहां पर रुके हुए पानी को निकाला गया। मलबा हटाने में जेसीबी की भी मदद ली गई।
लोग अपने-अपने घरों में घुसे मलबे को देखकर तथा मकान के नुकसान को देखकर फूट-फूट कर रोए। लोग घरों में पहुंचकर मकानों के साथ लगे मलबे व कमरों में घुसे मलबे को हटाने में जुट गए। पूरा दिन लोग मलबे को हटाते रहे तथा मलबे में दब चुके सामान को निकालते रहे। कपड़े-शूज इत्यादि मलबे में दब गए हैं। मलबे में लोगों के बैड, खाने-पीने की सामग्री सहित फ्रिज-एलईडी-वाशिंग मशीन, कूलर इत्यादि दब चुके हैं और टूट गए हैं।