चिट्टे के लिए बेटे ने गिरवी रख दिए मां के 8 लाख के जेवर
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले स्थित नादौन में एक बेटे ने चिट्टे के लिए मां के आठ लाख रुपये के जेवर चुराकर फाइनेंस कंपनी के पास गिरवी रख दिया
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले स्थित नादौन में एक बेटे ने चिट्टे के लिए मां के आठ लाख रुपये के जेवर चुराकर फाइनेंस कंपनी के पास गिरवी रख दिया. फाइनेंस कंपनी से मिले लाखों रुपये के लोन को इसने चंद दिनों में ही नशे में उड़ा दिया. चोरी का पर्दाफाश होने के बाद यह चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. बेटे ने ही घर में चोरी की है यह पता चलने पर मां पुलिस में केस दर्ज करवाने से पीछे हट गई. बेटे पर चोरी का इल्जाम न लगे, इसलिए मां ने पुलिस में लिखित शिकायत नहीं दी.
एजुकेशन हब कहे जाने वाले हमीरपुर जिले में नशे के लिए युवाओं के यह कदम समाज के लिए खतरे की घंटी हैं. जिला में नशे की जरूरत के लिए युवा अपने घर में जेवरों की चोरी के साथ ही कीमती सामान को बेचने में गुरेज नहीं कर रहे हैं. पिछले दिनों ऐसे भी कईं मामले सामने आए हैं, जहां पर रिपेयर के बहाने नशे की जरूरत पूरा करने के लिए युवाओं ने घर के एसी तक बाजार में बेच दिए. छोटे से लेकर बड़े उपकरण को बाजार में बेचने के बाद भी जब युवाओं के नशे की जरूरतें पूरी नहीं हो रहीं, तो वे पड़ोस और बाजार में चोरियों को अंजाम दे रहे हैं.
पुलिस के शिकंजे में आया नशेड़ी दोस्तों का ग्रुप
जेवरों की चोरी के अलावा जिला मुख्यालय में पिछले दिनों पुलिस ने पांच से छह दोस्तों का एक ग्रुप पकड़ा है. यह ग्रुप मिलकर अपने घरों के साथ पड़ोसियों के मकानों में चोरियों को अंजाम दे रहा था. इन आरोपियों ने होटलों में एसी और एलईडी तक को चुराकर बाजार में बेच दिया था. इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने अदालत में पेश किया था. पुलिस रिमांड और न्यायिक हिरासत के बाद अब आरोपी जमानत पर रिहा हो गए हैं.
चोरियों में अधिकतर युवा संलिप्त
एसपी हमीरपुर आकृति शर्मा ने बताया कि जिला में पिछले एक माह में 15 जगहों पर चिट्टा पकड़ा गया है. चोरियों के अधिकतर मामलों में जिला में युवा संदिग्ध पाए जा रहे हैं, जो नशे के दलदल में फंसे हुए हैं. हालात ऐसे हैं कि नशे के दलदल में फंसे युवा घरों में ही जेवर और सामान की चोरी कर रहे हैं. उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि बच्चे यदि नशे की गिरफ्त में हैं तो उन्हें नशा मुक्ति केंद्र जरूर ले जाएं. पंचायत प्रतिनिधि और अभिभावक इन बच्चों को नशा मुक्ति केंद्रों तक पहुंचाकर समाज से इस कुरिति को खत्म करने में भूमिका निभाएं, ताकि युवा वर्ग इस नशे के दलदल से बाहर निकल सके.