शिमला पुलिस ने बीते ढाई माह के दौरान 65 मामलों में 104 नशा तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा है, इनमें 4 महिलाएं भी शामिल हैं। शिमला में नशा तस्करी के बीते साल 46 मामले सामने आए थे। पुलिस ने ज्यादातर नशा तस्करों को पेट्रोलिंग के दौरान तलाशी के वक्त गिरफ्तार किया है। इसी तरह कुछ तस्करों को पुलिस ने पड़ोसी राज्य दिल्ली व चंडीगढ़ से भी हिरासत में लिया है। शिमला पुलिस ने आम जनता से अपील कि है कि नशे के उन्मूलन के लिए पुलिस का सहयोग करें ताकि इस बुराई को समाज से समाप्त किया जा सके।
चिंता इस बात की है कि सबसे खतरनाक नशा माने जाने वाले चिट्टे के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते साल शिमला में 17 मामलों की तुलना में इस बार अढ़ाई महीने में ही दोगुना से अधिक 38 अभियोग पंजीकृत किए जा चुके हैं और 67 लोगों को हिरासत में लिया गया है। यह अच्छा संकेत नहीं है, क्योंकि नशा तस्कर युवा पीढ़ी को शिकार बना रहे हैं। इसके अलावा मादक पदार्थ अधिनियम के अन्तर्गत अफीम, मॉर्फिन, रेक्सकोफ और कोडीन के 4 मामलों में 9 तस्करों को हिरासत में लिया गया है। शिमला पुलिस ने इस साल 23 मामलों में 7.710 किलोग्राम चरस पकड़ी है और28 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है। शिमला के रोहड़ू में पुलिस ने आज सुबह कूलीन-फॉस्फेट और क्लोरफेनिरामाइन मैलेट सिरप की 50 बोतले (100-ML) हाटकोटी के हपेंद्र से बरामद की है। पुलिस ने NS&PS एक्ट के तहत रोहड़ू में मालमा दर्ज कर दिया है।