कोटखाई में स्कूटी के नंबर की बोली 1.12 करोड़, पड़ताल में ये मुख्य बातें

Update: 2023-02-16 16:21 GMT
शिमला, 16 फरवरी : हिमाचल प्रदेश में वीरवार को एक स्कूटी के नंबर के लिए 1 करोड़ रुपए की बोली लगने का मामला सोशल मीडिया में वायरल होने लगा। चूंकि, बोली से जुड़ा एक स्क्रीन शाॅट लगातार शेयर किया जा रहा था। इसके बाद एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने मामले का फैक्ट चैक करने का निर्णय लिया।
इसके लिए बाकायदा परिवहन विभाग की साइट (Transport Department website) के माध्यम से पब्लिक यूजर आईडी बनाया गया, ताकि पब्लिक डोमेन में मौजूद बोली की सच्चाई का पता लगाया जा सके। पड़ताल में ये बात सही साबित हुई कि HP99-9999 के लिए सबसे ऊंची बोली एक करोड़ 12 लाख, 15 हजार 500 रुपए की लगी है। इसमें 26 बोली दाताओं ने हिस्सा लिया।
ये बोली शुक्रवार शाम 5 बजे तक जारी रहेगी। इसके बाद सर्वाधिक बोली देने वाले को पूरी रकम ऑनलाइन भुगतान करने के लिए तीन दिन का वक्त मिलता है।
0009 नंबर के लिए 21 लाख, 67 हजार 500 रुपए की बोली लगी है। इसी तरह 0005 नंबर की बोली 20 लाख, 10 हजार की है। 0003 नंबर की बोली 10 लाख, 57 हजार 500 की है। 0004 नंबर की सबसे ऊंची बोली 9 लाख 97 हजार 500 की है। इसके अलावा भी 0007 नंबर की नीलामी 1 लाख 72 हजार 500 है। रजिस्ट्रेशन लाइसेंसिंग अथॉरिटी (registration licensing authority) कम एसडीएम कोटखाई ने एचपी 99 सीरीज के 15 नंबर बोली के लिए रखे थे।
यदि, ये तमाम नंबर बोलीदाताओं द्वारा व्यवहारिक रूप से ले लिए जाते हैं तो सरकार की आमदनी लगभग 2 करोड़ रुपए हो सकती है।
ऐसा क्यों… हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादन में कोटखाई अग्रणी क्षेत्र है। एक अरसा पहले इसी इलाके के क्यारी गांव को समूचे एशिया में सबसे अमीर गांव (Richest village of Asia) होने का रुतबा भी हासिल हुआ था। बोली की रकम को लेकर ये तो तय है कि बोलीदाता द्वारा राशि का भुगतान किया जा सकता है। सवाल ये उठता है कि स्कूटी के लिए ये नंबर क्यों लिया गया होगा।
इस बारे जानकार बताते हैं कि कई मर्तबा महंगी गाड़ी के आने में समय लग रहा होता है। ऐसे में गाड़ी आने से पहले वीवीआईपी या फैंसी नंबर रिजर्व कर लिया जाता है। खरीददार इस नंबर को अपनी मर्जी के मुताबिक इस नंबर को दूसरे वाहन पर भी शिफ्ट कर सकता है।
बताते हैं कि तकरीबन तीन साल पहले कांगड़ा के शाहपुर आरएलए में एक स्कूटी के नंबर की नीलामी 17 लाख में हुई थी, बाद में ये नंबर लग्जरी कार ऑडी पर शिफ्ट किया गया था।
नंबर न लेने पर….
जानकारों ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क को बताया कि बोली में हिस्सा लेने के लिए आवेदनकर्ता को एक हजार रुपए की नॉन रिफंडेबल राशि चुकानी होती है। यदि बोली को व्यवहारिक रूप नहीं मिलता है तो बोलीदाता को कोई नुकसान नहीं है, क्योंकि इस बोली में 26 आवेदनकर्ता थे, लिहाजा सरकार को 26 हजार रुपए की आमदनी कन्फर्म है। सबसे ऊंची बोली लगाने वाले की जानकारी नंबर की अलॉटमेंट के बाद ही सामने आ सकती है।
क्या बोले उपायुक्त…
शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि मामला संज्ञान में है। लेकिन ये भी स्पष्ट किया कि बोली सीधे ही आरएलए व निदेशक ट्रांसपोर्ट का मसला होती है। इसी बीच शिमला के आरटीओ मंजीत शर्मा ने बातचीत के दौरान कहा कि एक करोड़ से अधिक की बोली लगने की बात जानकारी में है। ये बोली पूरी पारदर्शिता से होती है। सबसे ऊंची बोलीदाता को नंबर आबंटित होता है।
ये भी जु़ड़ी बातें…
जानकारों ने बताया कि सप्ताह के तीन दिन आवेदन करने के लिए होते हैं। वीरवार व शुक्रवार को बोली की प्रक्रिया रहती है। शनिवार व रविवार को ऑटो सिस्टम से नंबर अलॉट हो जाता है। इसके बाद सर्वाधिक बोली देने वाले को राशि जमा करवानी होती है।
ये बोले संयुक्त निदेशक…
हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग के संयुक्त निदेशक हिमेश नेगी ने कहा कि शुक्रवार शाम 5 बजे तक बोली जारी रहेगी। इस प्रक्रिया में कोई भी व्यक्ति कहीं से भी बैठकर हिस्सा ले सकता है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम को बोली बंद होने के बाद ही साॅफ्टवेयर के माध्यम से नंबर की अलॉटमेंट हो जाती है। तीन दिन के भीतर राशि जमा करवानी होती है। उन्होंने कहा कि फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। सोमवार तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जुब्बल व कोटखाई के आरएलए को पहली बार सीरीज जारी हुई है।
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