हिमाचल में बेटी है अनमोल योजना योजना के तहत दी जाने वाली पंजीकृत 27,590 बेटियों की छात्रवृत्ति बंद

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने बेटी है अनमोल योजना के तहत पंजीकृत प्रदेश की 27,590 गरीब परिवारों की बेटियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति बंद कर दी है।

Update: 2022-07-04 04:57 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने बेटी है अनमोल (पहले बालिका समृद्धि) योजना के तहत पंजीकृत प्रदेश की 27,590 गरीब परिवारों की बेटियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति बंद कर दी है। 12 अगस्त 2021 को योजना में बदलाव कर दिया गया। अधिसूचना के तहत बेटी है अनमोल योजना में अब बेटियों के जन्म पर एकमुश्त 21,000 रुपये की एफडीआर की जा रही है। इसमें छात्रवृत्ति की राशि को भी जोड़ दिया गया, लेकिन 2021 से पहले पंजीकृत बेटियां सुविधा न मिलने से खुद को ठगा सा महसूस कर रही हैं।

गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले हिमाचल के स्थायी निवासी परिवारों की बेटियों को बेटी है अनमोल योजना के तहत अगस्त 2021 से पहले पहली से स्नातक, एमबीबीएस, एलएलबी, इंजीनियर, आयुर्विज्ञान आदि कोर्स करने पर यह छात्रवृत्ति दी जाती थी। पहली कक्षा में 450 रुपये वार्षिक से शुरू स्नातक या अन्य कोर्स करने पर 5000 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति मिलती थी। अब योजना में बदलाव के बाद बेटी के जन्म पर ही 21,000 रुपये की एफडीआर करवाई जाती है।
यह सुविधा अधिसूचना जारी होने के बाद जन्म लेने वाली बेटियों के लिए है। ऐसे में पहले से पंजीकृत बेटियों अब कुछ नहीं मिल रहा है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की निदेशक रूपाली ठाकुर ने बताया कि बेटी है अनमोल योजना के तहत दी जाने वाली छात्रवृत्ति बंद कर दी गई है। अगस्त 2021 से पहले की बेटियों को अगर नुकसान हो रहा है तो इस पर पुनर्विचार किया जाएगा। गौर हो कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 1997 में गरीब परिवार की बेटियों के लिए बालिका समृद्धि योजना चलाई।
इसके बाद वर्ष 2018 में इस योजना का नाम बदलकर बेटी है अनमोल कर दिया। इस योजना के तहत 12 अगस्त 2021 से पहले तक बेटियों को पढ़ाई के दौरान छात्रवृत्ति मिलती थी। 12 अगस्त 2021 में इस योजना में बदलाव कर बेटियों के जन्म पर एकमुश्त 21000 की एफडीआर की जा रही है। अब पिछली योजना के तहत प्रदेश में शेष बची पंजीकृत 27,590 बेटियां जो पढ़ाई कर रही हैं, उन्हें कोई लाभ नहीं मिल रहा।
यह है पात्रता
हिमाचल प्रदेश की स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। आवेदक गरीबी रेखा से नीचे हो। एक परिवार की केवल दो बेटियां ही लाभ उठा सकती हैं।
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