जनता से रिश्ता वेबडेस्क : केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन की ओर से देशभर से लिए गए दवाओं के 27 सैंपल फेल पाए गए हैं. इनमें हिमाचल में बनी कुल आठ दवाओं के भी सैंपल फेल पाए गए हैं. यानी ये दवाएं मनकों पर खरा नहीं ऊतर पाई हैं. देश भर से अप्रैल माह में 1164 सैंपल भरे गए थे. फेल पाई गई दवाओं में शुगर, उल्टी-दस्त, बुखार व ब्लड प्रेशर की दवाएं शामिल हैं.
इन दवाओं के सैम्पल फेल
जानकारी के अनुसार बद्दी के मखनू माजरा स्थित मोरपिन लैब में कैल्शियम की दवा केलीक्विक, लोधी माजरा बद्दी स्थित नवकार लाइफ साइंस कंपनी में बनी दस्त की दवा अर्मिडाजोल का सैंपल फेल हुआ है. इसी प्रकार बद्दी में बनी शुगर की दवा ग्लीमीपाइराइड, सोलन के आंजी स्थित मैक्स रिलीफ हेल्थ केयर कंपनी की बुखार की दवा पैरासिटामोल की दवा का सैंपल भी फेल पाया गया है. कालाअंब स्थित एडविन फार्मा की बुखार की दवा पैरासिटामोल, बद्दी के झाड़माजरी स्थित श्रीराम हेल्थ केयर की एलर्जी की दवा मोंटीलोकास्ट सोडियम एडं लिवोसिट्राजिन भी फेल हुई है. बद्दी के भुड्ड स्थित मेडीपोल कंपनी की एसिडिटी की दवा आमेप्रोजोल और कालाअंब के खारी स्थित आलजेन हेल्थ केयर की मलेरिया की दवा प्रिमाक्विन के सैंपल भी फेल हुए हैं.राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह का कहना है कि जिन कंपनियों की दवाएं फेल हुई हैं, उन्हें नोटिस जारी किया जा रहा है और मार्केट से बैच उठाने के निर्दर्ष दिए गयें हैं. उन्होंने कहा फेल पाई गई दवाओं के लाइसेंस भी रद किए जाएंगे. मामले के सामने आने के बाद से लोग चिंतिंग हैं कि दवा कम्पनियां उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं. महंगे दामों पर मिल रही दवाएं भी मानकों पर खरा नहीं उतर रही हैं.