शिमला
हिमाचल प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने के लिए तीन महीने बाद आने वाले प्रदेश सरकार के बजट में विशेष प्रावधान की तैयारी कर रही है। इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए बजट में 200 करोड़ रुपए तक के प्रावधान पर गंभीर चर्चा चल रही है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। सबसे पहले घाटे में चल रहे रूटों में इलेक्ट्रिक बसों को चलाया जाएगा। हालांकि लंबे रूटों पर डीजल वाली बसें ही चलेगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि डीजल बसों के मुकाबले इलेक्ट्रिक बसें काफी महंगी है।
एक डीजल बस जहां 35 से 40 लाख के बीच में आ जाती हैं, तो वहीं एक इलेक्ट्रिक की लागत करीब एक करोड़ रुपए से सवा करोड़ रुपए के बीच में हैं। ऐसे में लंबे रूटों पर डीजल वाली बसें ही चलाई जाएगी, लेकिन छोटे 100 से 150 किलोमीटर वाले रूट जो घाटे में चल रहे हैं, उन रूटों पर इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी है। इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस बारे में सीएम सुक्खविंदर सिंह सुक्खू से भी उन्होंने चर्चा की है। उन्होंने कहा कि अगर किफायती दामों पर सरकार को कोई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध करवाता हैं, तो हायर कर सकते हैं। फिलहाल प्रदेश में करीब 600 से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए जगह चिन्हित कर ली गई हैं।
वर्कशॉप की हालत खस्ता
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह एचआरटीसी बस अड्डों, वर्कशॉप व अन्य जगहों का निरीक्षण कर रहे हैं। एचआरटीसी वर्कशॉप की हालत काफी खस्ता है। उन्होंने ढली वर्कशॉप का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां की हालत इतनी खस्ता है कि वहां पर बस तो क्या घोड़ा भी नहीं चल सकता है। कलपुर्जों की भी कमी चल रही है। एचआरटीसी चालकों-परिचालकों को देने के लिए यूनिफार्म भी नहीं है। आने वाले समय में सुधार किया जाएगा ।
वोल्वो माफिया की खैर नहीं
डिप्टी सीएम मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी को ज्यादा नुकसान अवैध रूप से चलने वाली वोल्वो के कारण भी हो रहा है। प्रदेश में बिना टैक्स करीब 250 से 300 वोल्वो बसें चल रही है। यह वोल्वो बस संचालक पिछले छह से आठ सालों से हिमाचल प्रदेश में चांदी कूट रहे है। ऐसे में अब सरकार की ओर से इन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आने वाले समय में यह वोल्वो माफिया या तो प्रदेश को टैक्स देगा या फिर इन्हें हिमाचल छोडऩा पड़ेगा।