आर.के.एस. के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 8 वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद नियमित करने के आदेश
शिमला। प्रदेश उच्च न्यायालय ने रोगी कल्याण समिति (आर.के.एस.) बिलासपुर में काम करने वाले चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों को 8 वर्ष की सेवा पूरी करने के पश्चात नियमित करने के आदेश पारित कर दिए। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने अनंत राम व अन्य 8 प्राॢथयों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया। न्यायालय ने पाया कि प्रार्थीगण वर्ष 2002 से 2006 के बीच अनुबंध के आधार पर रोगी कल्याण समिति में लगाए गए थे, लेकिन उन्हें आज तक राज्य सरकार द्वारा बनाई नीति के तहत रैगुलर नहीं किया गया है। राज्य सरकार की ओर से यह दलील दी गई थी कि रोगी कल्याण समिति में कार्य करने वाले कर्मियों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है।
इस कारण वे राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नियमितीकरण की नीति का लाभ नहीं उठा सकते हैं। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि इस तथ्य को नहीं झूठलाया जा सकता कि रोगी कल्याण समिति को सदस्य सचिव यानी मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रबंधित किया जाता है। रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात यह भी पाया कि उनकी तरह रोगी कल्याण समिति के अंतर्गत कार्य करने वाले कई कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नीति के तहत नियमित किया गया है। न्यायालय ने इनकी याचिका को मंजूर कर दिया और 8 वर्ष की अवधि के उपरांत नियमित करने के आदेश पारित कर दिए।