अभी छठी से बारहवीं कक्षा तक पढ़ाया जाता है विषय, पहली से जरूरी होगी कला शिक्षा, एनसीईआरटी ने की सिफारिश
नई शिक्षा नीति आने के बाद अब स्कूलों के पाठ्यक्रम में कई सुधार किए जा रहे हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई शिक्षा नीति आने के बाद अब स्कूलों के पाठ्यक्रम में कई सुधार किए जा रहे हैं। स्कूली पाठ्यक्रम आधुनिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और कला का मिश्रण होगा। नए पाठ्यक्रम में कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ-साथ बच्चों को कला-शिक्षा की शिक्षा भी दी जाएगी। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और परीक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने सभी स्कूलों में कला शिक्षा के अनिवार्य शिक्षण की सिफारिश की है। इसके लिए सभी स्कूलों में कला शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी। कला शिक्षा के एक शिक्षक के लिए एक न्यूनतम योग्यता भी निर्धारित की जाएगी। एनसीईआरटी के कला एवं सौंदर्यबोध विभाग ने यह सिफारिश ऐसे समय की है, जब नए स्कूली पाठ्यक्रम को तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। इस सिफारिश में न सिर्फ कला को एक विषय के रूप में सभी स्कूलों में पढ़ाने की सिफारिश की गई है, बल्कि इसके मूल्यांकन को जरूरी बताते हुए परीक्षा परिणाम में इनके अंकों को जोडऩे की पैरवी भी की है।