वन्य प्राणी विभाग के नए सर्वेक्षण में खुलासा, हिमाचल में नसबंदी मुहिम से घटे बंदर, दो लाख तक कमी

हिमाचल में पिछले सात सालों में बंदरों की संख्या में जबरदस्त कमी देखने को मिली है।

Update: 2022-10-04 05:12 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल में पिछले सात सालों में बंदरों की संख्या में जबरदस्त कमी देखने को मिली है। वन्य प्राणी विभाग के नए सर्वेक्षण में इसका खुलासा हुआ है। प्रदेश में बंदरों की संख्या पहले साढ़े तीन लाख थी और अब नसबंदी मुहिम चलाने के बाद यह कम होकर एक लाख 36 हजार रह गई है। इसका खुलासा वन विभाग के प्रधान मुख्य संरक्षक वन्य जीव राजीव कुमार ने किया है। वे 71वें वाइल्ड लाइफ वीक के तहत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वन विभाग की वन्यजीव शाखा की बहुआयामी रणनीति के तहत नसबंदी सहित बंदरों की आबादी में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले सात सालों के दौरान हिमाचल में बंदरों की संख्या साढ़े तीन लाख से घटकर 1.36 लाख रह गई है।

राज्य में बंदरों की आबादी में 50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा, उनकी औसत मंडली का आकार भी कम हो गया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग वन्य प्राणी प्रेमी हैं। लोग वन्य प्राणियों के बारे में जाने जिसके लिए जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। हिमाचल में तेंदुआ, भालू और बंदरों के बीच संघर्ष रहता है, जिनमें बंदरोंं से ज्यादा परेशानी है। वन विभाग के अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल अनिल ठाकुर ने बताया कि देश किस थाना जनता को वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए प्रेरित करने के लिए विभाग ने पहली बार बाइक रैली का आयोजन किया है। रैली आठ अक्तूबर को पौंग बांध कांगड़ा में खत्म होगी। इस दौरान बाइक रैली हर दिन 200 किलोमीटर का एरिया कवर करेगी। यह रैली रेणुका, मनाली व नगरोटा सूरियां से होते हुए पौंग डैम पर खत्म होगी।
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