आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने तैयार किया आर्टिफिशियल स्ट्रक्चर, सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बना पाएंगे दुश्मन

Update: 2023-02-07 12:25 GMT
मंडी
अब हमारे देश के खुफिया सैन्य वाहनों और खुफिया ठिकानों को दुश्मनों के राडार की नजरों से बचाया जा सकेगा। आईआईटी मंडी के शोधकत्र्ताओं ने भारत की सैन्य शक्तियों को मजबूत करने के लिए ऐसा आर्टिफिशियल स्ट्रक्चर/ मटीरियल तैयार कर लिया है। यह मटीरियल राडार फ्रीक्वेंसी (सिग्नल) की बड़ी रेंज को एब्ज़ार्व करने में सक्षम है, चाहे रडार के सिग्नल जिस दिशा से उनके टारगेट को निशाना बनाएं। इसका उपयोग खुफिया सैन्य वाहनों और खुफिया सैन्य ठिकानों की खिड़कियों या कांच के पैनलों को सुरक्षा कवच देने के लिए भी किया जा सकता है, जिनका राडार की नजर से बचना जरूरी है। इस शोध कार्य के निष्कर्ष आईईईई लेटर्स ऑन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कंपैटिबिलिटी प्रैक्टिस एंड एप्लीकेशन नामक जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं और इसका लेखन डा. श्रीकांत रेड्डी, सहायक प्रोफेसर, स्कूल ऑफ कम्प्यूटिंग एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, आईआईटी मंडी और उनकी टीम के डा. अवनीश कुमार (प्रथम लेखक) और ज्योति भूषण पाधी ने मिलकर किया।
बताया है कि रडार का उपयोग सैन्य और सार्वजनिक क्षेत्रों में भी निगरानी और नेविगेशन के लिए किया जाता है। इससे विमानों, जल जहाजों, जमीन पर चलने वाले वाहनों और गुप्त ठिकानों में होने वाली गतिविधियों का पता चलता और इस तरह निगरानी रखना आसान होता है। आईआईटी मंडी के डा. श्रीकांत रेड्डी ने बताया कि हमने इस टेक्नोलॉजी का विकास फ्रीक्वेंसी सेलेक्टिव सर्फेस के आधार पर किया है, जो रडार द्वारा उपयोग किए जाने वाली फ्रीक्वेंसी की बड़ी रेंज़ को एब्जार्व करती है जिसके परिणामस्वरूप से यह सर्फेस रडार को नहीं दिखता है। इस डिजाइन में ऑप्टकली ट्रांस्परेंट आईटीओ-कोटेड पीईटी शीट का उपयोग किया गया है। इस पीईटी शीट पर एफएसएस पैटर्न बनाए जाते हैं।
(एचडीएम)
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