खनन धारकों के लिए राहत भरी खबर, माइनिंग की परमिशन लेने के लिए अब लंबा इंतजार नहीं, लागू किया जाएगा सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम
प्रदेश में खनन धारकों के लिए राहत भरी खबर है। माइनिंग की परमिशन लेने के लिए उन्हें लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश में खनन धारकों के लिए राहत भरी खबर है। माइनिंग की परमिशन लेने के लिए उन्हें लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। खनन धारकों को माइनिंग की मंजूरी देने के लिए विभाग सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू कर रहा है। इस व्यवस्था को शुरू करने से पहले विभाग माइनिंग से संबंधित सभी विंग को ऑनलाइन सुविधा से जोड़ रहा है। इस सेवा के शुरू होने के बाद लोग माइनिंग संबंधी सभी काम ऑनलाइन कर सकेंगे।
माइनिंग के आवेदन प्राप्त होने के बाद विभाग इसे एनओसी के लिए आगे दूसरे विभागों को भेजेगा। इसके बाद प्रस्तावों को सिंगल विंडो क्लीयरेंस के समक्ष रखा जाएगा। अभी माइनिंग कि ऑफलाइन व्यवस्था होने के कारण विभाग और लोगों को परमिशन लेने में दिक्कतें आ रही हैं। प्रदेश में अवैध खनन रोकने और काम आसान बनाने के लिए विभाग इस व्यवस्था को लागू कर रहा है। इस काम को पूरा होने में अभी तीन से चार महीने का समय लग सकता है। उद्योग अधिकारियों का कहना है कि माइनिंग को सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम से जोडऩे के बाद इससे संबंधित सभी काम आसान हो जाएंगे। विभाग जब तक सिंगल विंडो प्रणाली को लागू नहीं कर देता, तब तक माइनिंग को लेकर विभाग ने प्रदेश को चार जोन में बांटा है। इसमें मंडी, हमीरपुर, ऊना को पहले जोन में रखा है।
मंडी, लाहुल-स्पीति और कुल्लू दूसरे जोन में, शिमला, किन्नौर और चंबा तीसरे, सिरमौर, सोलन और बिलासपुर को चौथे जोन में रखा गया है। इसका मकसद संबंधित जिलों के लोगों को माइनिंग संबंधी किसी भी तरह के काम के लिए अब विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इन जोन में तैनात सहायक जियोलॉजिस्ट खनन धारकों के आवेदनों को अटेंड करेंगे। उधर, उद्योग विभाग के निदेशक राकेश प्रजापति ने कहा कि माइनिंग संबंधी काम को आसान बनाने के लिए और अवैध खनन को रोकने के लिए जल्द सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम को लागू किया जा रहा है, ताकि लोगों को खनन की परमिशन लेने के लिए विभागों के चक्कर लगाने न पड़ें। (एचडीएम)