हिमाचल में फिर शुरू हुई बारिश, लाहौल स्पीति में एवलॉन्च से तीन की मौत

Update: 2023-02-06 13:58 GMT

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मौसम (Weather) बदला है. सूबे के शिमला शहर में हल्की बारिश हुई है. वहीं. नारकंडा में हल्की बर्फ गिरी है. इसके अलावा, मंडी के कुछ इलाकों में बारिश देखने को मिली है. इसके अलावा, चंबा के भरमौर औऱ मंडी के पंडोह में भी बारिश हुई है. लाहौल के कोकसर और केलांग में हल्की बर्फबारी दर्ज की गई है. मौसम विभाग ने छह फरवरी के लिए हिमाचल में बारिश और बर्फबारी (Snowfall and Rain) का अनुमान जताया है.

जानकारी के अनुसार, भरमौर में जहां 12 एमएम पानी बरसा है. वहीं, कुल्लू के बंजार में 3 एमएम, मंडी के पंडोह में दो एमएम बारिश हुई है. इसके अलावा, लाहौल के कोकसर में 3 सेंटीमीटर और कुकुमसेरू और केलांग में 2 सेंटीमीटर बर्फ गिरी है.

एलवांच से तीन लोगों की मौत

हिमाचल के लाहौल स्पीति के शिंकुला दर्रे के पास एलवांच में बीआरओ के तीन मजदूरों की मौत हो गई है. रविवार को यह एवलांच आया था और इसमें बीआऱओ की लेबर चपेट में आ गई. दो शव निकाल लिए गए हैं. तीसरे की तलाश जारी है. चंबा और नेपाली मजूदर की मौत हुई है. घाटी में एवलांच का खतरा लगातार बना हुआ है. लेह मनाली हाईवे पर सफर करना जोखिम भरा है. हिमाचल प्रदेश में इस बार सर्दियों के सीजन में बहुत कम बारिश-बर्फबारी हुई है.

सोलन, शिमला, मंडी और किन्नौर जिले में काफी कम पानी बरसा है. धर्मशाला में 2008 के बाद पहली बार अधिकतम तापमान 4 फरवरी को 23.2 डिग्री पहुंचा है और दूसरे इलाकों में भी पारा चढ़ा है. अभी से गर्मी का एहसास होने लगा है. प्रदेश के अन्य शहरों में भी तापमान सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया है. लाहौल स्पीति के शिंकुला दर्रे के पास एवलांच में 3 मजदूरों की मौत.

शिमला बर्फबारी को तरसा

सबसे अहम बात है कि शिमला शहर और आसपास में इस सीजन में ना के बराबर बर्फबारी हुई है. केवल फाहे गिरे हैं. शिमला के कुफरी में भी ज्यादा बर्फ नहीं गिरी है. कुफरी में सैलानी हिमपात का मजा लेने आते हैं. नारकंडा में हालांकि, बर्फ गिरी है और सोमवार को भी यहां हल्का हिमपात हुआ है. हिमाचल प्रदेश में नवंबर और दिसंबर महीना सूखा रहा था. जनवरी में भी कांगड़ा, ऊना, लाहौल स्पीति, चंबा और सिरमौर में ही सामान्य बारिश-बर्फबारी हुई है. फरवरी महीने के शुरू के 5 दिनों में 99 फीसदी कम बारिश-बर्फबारी हुई है. बारिश और बर्फबारी ना होने से किसान, बागवान, पर्यटन कारोबारी सहित आम लोग भी मायूस हैं.

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