पीडब्ल्यूडी की मेहनत हुई बेकार 136 सडक़ों पर फिर थमी रफ्तार

Update: 2023-08-12 05:20 GMT

शिमला: हिमाचल में बीते 24 घंटे में हुई मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर आफत ला दी है। पीडब्ल्यूडी का सडक़ों को बहाल करने का प्लान प्रभावित हो गया है। मुख्यमंत्री ने विभाग को 15 अगस्त तक सेब बहुल इलाकों में बंद पड़ी सडक़ों को खोलने के निर्देश दिए हैं और इन पर अमल करने को विभाग पूरी ताकत के साथ जुटा भी था। लेकिन बीते 24 घंटे में करीब तीन दर्जन सडक़ें बाधित हो गई हैं। अब इन इलाकों में पीडब्ल्यूडी का सीधा मुकाबला मौसम से है। 136 सडक़ें प्रदेश भर में बाधित हो गई है। पीडब्ल्यूडी ने लगातार मेहनत के बाद बंद सडक़ों के आंकड़े को 166 पहुंचा दिया था जो अब बढक़र 302 हो गई हैं। शिमला जोन में पीडब्ल्यूडी की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। यहां 35 नई सडक़ें ठप हैं। पीडब्ल्यूडी ने इन सडक़ों को बहाल करने में चौबीस घंटे कर्मचारी और मशीनरी सडक़ पर उतार दिए हैं। -एचडीएम

24 घंटे में 141 करोड़ का नुकसान

पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि सेब बहुल इलाकों में विभाग पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है, लेकिन लगातार बारिश की वजह से भू-स्खलन हो रहा है और सडक़ें दोबारा बाधित हो रही है। पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी जान जोखिम में डाल कर सडक़ें बहाल करने में जुटे है। बीते 24 घंटे के दौरान विभाग को इन क्षेत्रों में 35 नई सडक़ें बाधित हुई हैं। मौसम साफ रहा तो तय लक्ष्य के अनुसार विभाग सडक़ों को बहाल कर लेगा। प्रदेश भर में लगातार बारिश की वजह से विभाग को 141 करोड़ रुपए का नुकसान एक ही दिन में झेलना पड़ा है। विभाग का कुल नुकसान अब बढक़र 2164 करोड़ पहुंच गया है। इनमें 2048 करोड़ का नुकसान सडक़ों की वजह से हुआ है, जबकि 116 करोड़ का नुकसान पुलों के ध्वस्त या क्षतिग्रस्त होने की वजह से झेलना पड़ा है।

शिमला में 103, रामपुर में 36 सडक़ें ठप

शिमला जोन में 103, रामपुर में 36, सोलन में 33, नाहन में 17, रोहड़ू में 9, शिमला में 8 व मंडी में 23 नई सडक़ें बीते 24 घंटे में बाधित हुई हैं। यहां बंद सडक़ों का आंकड़ा एक बार फिर बढक़र 100 के करीब पहुंच गया है। कुल्लू में 50 सडक़ें बाधित है। यहां बीते चौबीस घंटे में पांच नई सडक़ें ठप हुई हैं। मंडी में 28 और सुंदरनगर में 21 सडक़ें बंद है।

24 घंटे में 30 रोड खोलने का टारगेट

पीडब्ल्यूडी ने मौसम साफ रहने की स्थिति में आगामी 24 घंटे के दौरान 30 सडक़ों को बहाल करने की बात कही है। सबसे ज्यादा बरसात का कहर हमीरपुर जोन में सामने आया है। यहां 71 सडक़ें ठप है। धर्मपुर सर्किल में 39, बिलासपुर में 31, ऊना में छह और हमीरपुर सर्किल में दो सडक़ें बाधित हुई हैं। कांगड़ा जोन में सात नई सडक़ें ठप हुई हैं। कांगड़ा में 21 सडक़ें इस समय बाधित हैं। इनमें से डलहौजी सर्किल में 11 और पालमपुर में दस सडक़ें बाधित हैं, जो नई सडक़ें बाधित हुई हैं उन्हें बहाल करने में 72 घंटे से ज्यादा का समय लग सकता है।

सडक़ों के लिए करेंगे बजट का प्रावधान

पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि भविष्य में सडक़ों के रखरखाव और नालियों की मरम्मत के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाएगा। सडक़ों के किनारे नालियों की कमी की वजह से पानी सडक़ पर आया है और इस वजह से नुकसान हुआ है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि सडक़ निर्माण के समय अपने आसपास के क्षेत्र में इन बातोंं का ख्याल जरूर रखें, ताकि गुणवत्ता को बढिय़ा किया जा सके। कालका-शिमला एनएच पर चिकनी मिट्ठी होने की वजह से बार-बार भू-स्खलन हो रहा है। सीधी कटिंग की वजह से नुकसान हुआ है। एनएचएआई के साथ तालमेल बना रहे हैं, ताकि आर्थिकी को बचाया जा सके।

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