कैरिंग केपेसिटी पर जन पक्ष भी जरूरी

Update: 2023-10-08 11:19 GMT
शिमला। कैरिंग केपेसिटी को लेकर इन दिनों उच्च न्यायालय में चर्चा की जा रही है। जिसको लेकर नगर निगम शिमला भी सक्रिय हो गया है। नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने इसको लेकर शनिवार को प्रैस वार्ता में कहा कि उच्च न्यालय कैरिंग केपेसिटी को लेकर कोई कमेटी का गठन करता है, तो उस कमेटी को बनाने से पहले हम लोगों को भी अपना पक्ष रखने की अनुमति दी जानी चाहिए। उच्च न्यायालय यदि कोई कमेटी बनाता है तो उस कमेटी में संबंधित राज्य के राजनितिक लोगों को भी जोड़ा जाना चाहिए। कमेटी बनाने से पहले उच्च न्यायालय से हमारा आग्रह है कि इसमें हमें पक्ष रखने की अनुमति दें। मेयर सुरेंद्र चौहान का कहना है कि हम भी स्टेट होल्डर हैं ऐसे में हमें अपने क्षेत्र की ज्यादा जानकारी हैं। हम कैरिंग केपेसिटी का विरोध नहीं कर रहे हैं। लेकिन कैरिंग केपेसिटी में ऐसा न हो कि जिसमें पर्यटकों की गाडिय़ों के आने जाने में रोक लगे। इससे शहर के कारोबारियों को भारी नुकसान हो सकता है। ऐसे में स्टेट होल्डरों को उच्च न्यालय कमेटी में जोड़ें, ताकि वह अपने क्षेत्र के नुकसान और लाभ के बारे में अपना पक्ष रख सकें। सुरेंद्र चौहान ने कहा कि मूसलाधार बारिश के कारण नदी-नाले उफान में थे। इसका सबसे बड़ा कारण माइनिंग पर रोक लगना था। माइनिंग का कार्य भी बहुत महत्वपूर्ण है। हिमाचल में इन दिनों फोर-लेन का कार्य चला है। सडक़ों को खोलने में किस तरह से कटिंग की जानी चाहिए, इसको लेकर भी कोई फैसला हो, तो यह काफी सही होगा।
सडक़ों में 90 डिग्री में कंटिंग होती है, जो खतरनाक है। ऐसे में कटिंग स्टैप में हो और उसमें सीमेंट के साथ दीवार को मजबूत करना बहुत महत्त्वपूर्ण है। शिमला शहर की बात करें, तो यहां के कारोबारी पर्यटकों पर ही निर्भर होते हैं। शहर में गाडिय़ों का आना शहर के लिए काफी सुखदायक होता है। इसकी वजह यह है कि शहर में इतने होटल हैं और कारोबारी भी हैं जिनका कारोबार सिर्फ पर्यटकों पर निर्भर होता है। शहर में गाडिय़ों की कोई लिमिट न हो। ऐसे में हमारा उच्च न्यायालय से आग्रह है कि कैंरिंग केपेसिटी के लिए यदि उच्च न्यायालय किसी कमेटी का गठन करता है, तो उसमें स्टेट होल्डरों को भी शामिल करना महत्त्वपूर्ण है। इसके लिए हमने उच्च न्यालय को पत्र लिख लिया है, जो जल्द ही उच्च न्यायालय को भेजा जाएगा। इस प्रैस वार्ता में डिप्टी मेयर उमा कौशल और पार्षद के साथ साथ दो पंचायत के प्रधान भी मौजूद रहे। इनके अलावा पहली बार माकपा के पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर भी मौजूद रहे। यह पहली बार था कि माकपा के पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर भी कांग्रेस के मेयर सुरेंद्र चौहान के साथ मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि मेयर सुरेंद्र चौहान शहर में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। कैरिंग केपेसिटी के लिए जो मुद्दा मेयर ने उठाया है वह सराहनीय है। हमारा मानना है कि कैरिंग केपेसिटी के लिए जो भी कमेटी उच्च न्यायालय बनाए उसमें स्टेट होल्डरों को भी जोड़ा जाए। इससे शहर में कारोबारियों और गरीब जनता को कोई नुकसान नहीं होगा। कैरिंग केपेसिटी सराहनीय कार्य है, लेकिन इसमें कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
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