शिमला
एचआरटीसी के करीब 1500 रूट गुरुवार को प्रभावित होंगे। एचआरटीसी ने फिर से प्रधानमंत्री की रैली के लिए 709 बसों को रवाना कर दिया हैं। ये बसें बुधवार शाम से ही पीएम की रैली के लिए कार्यकर्ताओं को ले जाने के लिए चली गई हैं। ऐसे में प्रदेश में लोगों को बसों की कमी का सामना करना पड़ेगा। एचआरटीसी के चारों डिवीजन शिमला, मंडी, धर्मशाला और हमीरपुर से रैली के लिए बसें भेजी गई हैं। ये रैली कार्यकर्ताओं को चंबा ले जाएंगी। हालांकि राहत की बात यह है कि इस रैली के लिए निजी बसें नहीं जा रही हैं। ऐसे में निजी बसों पर गुरुवार को ज्यादा दारोमदार रहेगा। प्रदेश के ग्रामीण रूटों पर बस सेवा ज्यादा प्रभावित रहने वाली है। प्रदेश के ज्यादातर ग्रामीण रूटों पर यातायात का जरिया एचआरटीसी बसें ही हैं।
ऐसे में ग्रामीण रूटों पर बसें न चलने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं। इस दौरान यात्रियों को निजी बसों या निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है, लेकिन निजी बसों में भारी भीड़ के चलते यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी हुई। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की बिलासपुर रैली के दौरान भी 1200 बसों को रैली के लिए भेजा गया था। ऐसे में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इस दौरान 900 निजी बसें भी रैली के लिए गई थीं, लेकिन इस बार सिर्फ 709 बसों को ही रैली के लिए भेजा गया हैं।
रैलियों में बसें भेजना गलत
लोगों का आरोप है कि त्योहारों के दौरान सबसे ज्यादा लोग एचआरटीसी की बसों में सफर करते हैं। ऐसे में इस तरह से राजनीतिक दलों की रैलियों में बसों को भेजना तर्कसंगत नहीं है। एचआरटीसी को आने वाले दिनों में राजनीतिक रैलियों के लिए बसें नहीं भेजनी चाहिएं। लोगों का कहना है कि शिमला शहर में प्राइवेट बसें चलती हैं, लेकिन ग्रामीण रूटों पर सिर्फ एचआरटीसी की बसें चलती हैं। ऐसे में लोगों को अपने घर से आने और जाने में दिक्कत होती है।