इन्फ्रास्ट्रक्चर व डिवैल्पमैंट फंड नहीं वसूल पाएंगे निजी विश्वविद्यालय

Update: 2023-06-21 09:27 GMT
शिमला। प्रदेश सरकार ने राज्य में चल रहे निजी विश्वविद्यालयों के विभिन्न कोर्सों का फीस स्ट्रक्चर जारी कर दिया है। सरकार द्वारा गठित कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप विश्वविद्यालयों की फीस तय की गई है, जो जुलाई में लागू होगी। विभाग ने सभी निजी विश्वविद्यालयों को आदेश दिए हैं कि विद्यार्थियों से बिल्डिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर व डिवैल्पमैंट फंड न लें। यदि विद्याॢथयों से यह फंड वसूला गया है तो इसे ट्यूशन फीस में एडजस्ट किया जाए। विश्वविद्यालय ट्यूशन फीस 2 किस्तों में वसूल सकते हैं। होस्टल के लिए एकमुश्त कॉशन मनी 5000 रुपए होगी और विश्वविद्यालय के लिए 10000 रुपए होगी जोकि वापस की जाएगी। विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करेगा कि कॉशन मनी जिन छात्रों को वापस की जानी है, उनके ट्यूशन फीस में इसे एडजस्ट किया जाए। विश्वविद्यालय यह भी सुनिश्चित करेगा कि सरकार द्वारा तय फीस ही विद्यार्थियों से ली जाए और विश्वविद्यालय के किसी अन्य शीर्ष के तहत कोई अन्य फीस नहीं ली जाएगी।
विश्वविद्यालय को होस्टल में रहने वाले विद्याॢथयों व अन्य विद्याॢथयों की फीस स्पष्ट रूप से वर्गीकृत करनी होगी। सरकार ने विश्वविद्यालयों को विश्वविद्यालय में नियमित व अस्थायी स्टाफ, एकैडमिक इन्फ्रास्ट्रक्चर व एकैडमिक कैलेंडर, शिक्षकों व गैर-शिक्षकों की पात्रता मामदंड व परिसर में होने वाली गतिविधियों की जानकारी विभाग को देने के निर्देश दिए हैं, साथ ही प्रदेश निजी शिक्षण नियामक आयोग को भी विश्वविद्यालयों को यह जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों को यूजीसी के नियमों की अनुपालना करने को कहा गया है। उक्त नियमों के तहत ही विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्तियां की जा सकेंगी। प्रदेश सरकार की अनुमति के बिना विश्वविद्यालय नया कोर्स शुरू नहीं कर पाएंगे। विश्वविद्यालयों को पहले नियामक आयोग से कोर्स अप्रूव करवाने होंगे, उसके बाद ही सरकार इन्हें अप्रूवल देगी। यदि किसी कोर्स पर आयोग व यूजीसी की स्वीकृति नहीं होगी और सरकार ने उस कोर्स की फीस तय कर दी है तो इस स्थिति में वह कोर्स व फीस स्ट्रक्चर रद्द कर दिया जाएगा। विभाग ने विश्वविद्यालय को भी अपनी साइट पर ये सूचनाएं अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। विश्वविद्यालयों को शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए विभिन्न तरह की कल्याणकारी योजनाएं लागू करने को भी कहा गया है। जो योजनाएं सरकारी विश्वविद्यालयों में लागू की गई हैं, उन्हें निजी विश्वविद्यालय में भी लागू करना होगा। हर कोर्स में ट्यूशन फीस के आधार पर हिमाचली छात्रों के लिए 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करनी होंगी।
Tags:    

Similar News

-->