जेलों में सजा काट रहे कैदियों ने अपने हुनर स अढ़ाई करोड़ के उत्पाद तैयार कर दिखाए
पालमपुर। हिमाचल प्रदेश की जेलों में सजा काट रहे कैदियों ने अपने हुनर स अढ़ाई करोड़ के उत्पाद तैयार कर दिखाए हैं। प्रदेश के कारावासों में बंद कैदियों के लिए विभिन्न तरह की वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रावधान किया जाता है। प्रदेश की जेलों में बंद 2876 कैदियों ने विभिन्न तरह के काम कर कुल 2.45 करोड़ रुपए की कमाई की है।
कमाई करने में तमिलनाडु के कैदियों ने खूब हाथ दिखाए और 65.17 करोड़ रुपए की राशि अर्जित की। राष्ट्रीय स्तर पर जारी 2021 के आंकड़ों के अनुसार तेलंगाना की जेलों में बंद कैदियों द्वारा की गई कुल कमाई का आंकड़ा 41.61 करोड़ रहा। इस अवधि में उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों ने 15.40, महाराष्ट्र के कैदियों ने 12.75, बिहार के कैदियों ने 12.87, गुजरात के कैदियों ने 11.24 करोड़ के विभिन्न उत्पाद तैयार कर दिखाए।
पूरे देश में यह आंकड़ा 238.25 करोड़ रुपए रहा है। 2021 में अन्य प्रदेशों की जेलों में बंद कैदियों ने आंध्र प्रदेश में 8.65, हरियाणा में 1.41, झारखंड में 9.01, छत्तीसगढ़ में 2.43, चंडीगढ़ में 8.53, मध्य प्रदेश में 2.44, राजस्थान में 1.67 और पंजाब में 1.33 करोड़ की कमाई की। वहीं दिल्ली में यह आंकड़ा 19.32 करोड़ रुपए रहा। देश भर की जेलों में 39 हजार से ज्यादा कैदियों ने जेल में रहते हुए विभिन्न तरह के प्रशिक्षण प्राप्त किए। 4350 कैदियों ने कम्प्यूटर कोर्स भी किया। प्रदेश में वोकेशनल ट्रेनिंग लेने वाले कैदियों का आंकड़ा काफी कम रहा। 2876 में से सिर्फ 239 ने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में रुचि दिखाई जो कि मात्र 0.61 प्रतिशत है, जबकि उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों में से 18.29, राजरूथान में 11.80 और दिल्ली में 9.57 फीसदी केदियों ने ट्रेनिंग प्राप्त की।