बिना शिक्षकों के 36 स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू

Update: 2023-06-30 04:58 GMT

 दिल्ली: राजकीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा निदेशालय प्री-नर्सरी कक्षाएं शुरू करने पर तो जोर दे रहा है, लेकिन इन कक्षाओं में नौनिहाल विद्यार्थियों को संभालने व उन्हें पढ़ाने के लिए एनटीटी (नर्सरी टीचर ट्रेनर) भर्ती का मामला सरकार ने पिछले चार वर्षों से ठंडे बस्ते में डाला हुआ है। इस संबंध में सरकार का कोई भी ध्यान नहीं जा रहा है। इस वर्ष के सत्र में विभाग ने ऊना के 36 प्राथमिक स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू की हैं। पिछले चार वर्षों से अब तक जिला के 346 स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू की गई है। कक्षाओं के नौनिहाल विद्यार्थियों को पढ़ाने, संभालने की बात करें तो उसके लिए सरकार की ओर से कोई भी भर्ती नहीं की जा रही है। तीन-चार वर्ष पहले सरकार की तरफ से एनटीटी भर्ती करने का फैसला लिया था। उसके बाद सरकार ने यह भी फैसला लिया था कि एनटीटी भर्ती में जेबीटी प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं को रखा जाएगा। परंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

सरकार की तरफ से न एनटीटी भर्ती की गई और न ही इस भर्ती में जेबीटी प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं को रखने के लिए आगे सख्त कदम उठाएं। ऊना में 500 प्राथमिक स्कूल है। इनमें से 346 प्राथमिक स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं चल रही है। 2505 नौनिहाल कक्षाएं लगवा रहे हैं। निजी स्कूल प्रबंधन अढ़ाई से तीन वर्ष की आयु के लिए नौनिहाल बच्चों को नर्सरी, यूकेजी व एलकेजी के लिए स्कूल में भर्ती कर लेते हैं। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ ऊना के पूर्व अध्यक्ष विनोद कुमार शर्मा ने कहा कि जिला ऊना के 500 प्राथमिक स्कूलों में 1100 जेबीटी पदों में से 400 पद खाली है। इसके साथ प्राथमिक स्कूलों में बिना एनटीटी शिक्षकों की भर्ती के प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू की जा रही है। इन सबका बोझ प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों पर पड़ रहा है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के जिला उपनिदेशक देवेंद्र चंदेल ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से प्राथमिक स्कूलों में एनटीटी भर्ती को लेकर कोई भी गतिविधि नहीं चलाई है। इस संबंध में अगर उन्हें कोई निर्देश आता है कि ऊना में भी भर्ती को लेकर उस पर कार्य किया जाएगा।

छात्रों की कम संख्या का कारण व्यवस्थाओं की कमी

प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ के चेयरमैन विनोद बन्याल ने कहा कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की घटती संख्या का कारण प्राथमिक स्कूलों में व्यवस्थाओं की कमी है। प्री प्राइमरी कक्षाओं से सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है। परंतु प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए एनटीटी भर्ती का न होना निराशाजनक है। अगर प्राथमिक स्कूल सुविधा संपन्न हो तो विद्यार्थियों की संख्या अपने आप ही बढऩी शुरू हो जाएगी।

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