हिमाचल विधानसभा चुनाव में 26 सीटों पर 6-6 नेताओं के बीच सियासी जंग, जोगिंद्रनगर सीट पर सबसे ज्यादा 11 उम्मीदवार

हिमाचल विधानसभा के चुनाव में इस बार जहां 413 उम्मीदवार 68 सीटों के लिए मैदान में उतरे हैं, वहीं सबसे ज्यादा 26 सीटों पर 6 प्रत्याशियों के बीच में मुकाबला है।

Update: 2022-11-02 00:57 GMT

न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल विधानसभा के चुनाव में इस बार जहां 413 उम्मीदवार 68 सीटों के लिए मैदान में उतरे हैं, वहीं सबसे ज्यादा 26 सीटों पर 6 प्रत्याशियों के बीच में मुकाबला है। विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को वोटिंग होगी और उससे पहले अब चुनाव प्रचार का वक्त है। राज्य की तीन सीटों पर सिर्फ तीन दावेदारों में मुकाबला है। इनमें द्रंग, लाहुल और चुराह विधानसभा सीट शामिल है । सबसे ज्यादा 11 दावेदार राज्य की एकमात्र सीट जोगिंद्रनगर में हैं। चार प्रत्याशियों में मुकाबला छह विधानसभा सीटों में है। इनमें पालमपुर, नगरोटा बगवां, सोलन, शिलाई, श्री रेणुका जी और कुटलैहड़ शामिल हैं। 14 सीटें ऐसी हैं, जहां पांच प्रत्याशियों में मुकाबला होगा। इनमें रामपुर, बलह, धर्मपुर, नूरपुर, जवाली, नैनादेवी, भोरंज, सुजानपुर, किन्नौर, भरमौर, डलहौजी, भटियात, हरोली और चिंतपूर्णी हैं।

इस बार के चुनाव में ऐसी सीटें सबसे ज्यादा हैं, जिनमें छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इनकी संख्या 26 है। इनमें शिमला ग्रामीण, कुसुम्पटी, चौपाल, जुब्बल कोटखाई, रोहड़ू, सराज, सरकाघाट, करसोग, धर्मशाला, बैजनाथ, कांगड़ा, देहरा, ज्वालामुखी, जसवां परागपुर, जयसिंहपुर, दून, पच्छाद, नादौन, चंबा, कुल्लू, बंजार, आनी, मनाली, ऊना और गगरेट शामिल हैं। जहां सात प्रत्याशियों में फैसला है, ऐसी सीटें आठ हैं। इनमें शिमला, नाचन, इंदौरा, शाहपुर, अर्की, कसौली, झंडुता और बड़सर शामिल हैं। आठ प्रत्याशियों के मुकाबले वाली सीट सिर्फ चार हैं, जिनमें ठियोग, फतेहपुर, नालागढ़ और घुमारवीं हैं। जिन सीटों पर नौ प्रत्याशी लड़ रहे हैं, उनकी संख्या छह है। इनमें मंडी, सुंदरनगर, सुलाह, पावटा साहिब, बिलासपुर और हमीरपुर सीटें हैं। 10 प्रत्याशियों वाली एक भी सीट इस चुनाव में नहीं है।
जब्त हुई थी जमानत
इस बार बेशक 413 उम्मीदवार मैदान में हों, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में कुल 378 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे। इनमें से 68 चुने गए थे, जबकि 197 की जमानत जब्त हो गई थी। इस तरह इनकी संख्या 58 फ़ीसदी थी। इस बार क्योंकि प्रत्याशियों की संख्या भी बढ़ी है और तीसरे विकल्प के तौर पर आम आदमी पार्टी भी आई है, इसलिए जमानत जब्त होने वाले प्रत्याशियों की संख्या पर भी ध्यान देना होगा।
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