जहरीला हुआ पानी, कार्यशाला में विशेषज्ञों ने साझा किए विचार

Update: 2023-03-05 09:30 GMT
शिमला
हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शनिवार को फेयरलॉन, हिप्पा में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए संवेदीकरण और क्षमता निर्माण विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस अवसर पर निदेशक शहरी विकास मनमोहन शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। कार्यशाला में शिमला जिला के शहरी स्थानीय निकायों के निर्वाचित व नामित प्रतिनिधियों, कार्यकारी अधिकारियों, सचिवों और अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। अपूर्व देवगन सदस्य सचिव, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य बोर्ड द्वारा प्रकाशित वार्ड सदस्य मीनू का सफाई अभियान नामक एक कॉमिक बुक की पहल के साथ शुरुआत की। उन्होंने कहा कि शुभंकर वार्ड सदस्य मीनू मूल रूप से एक आदर्श स्थानीय निकाय के निर्वाचित प्रतिनिधि का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और सही प्रकार के अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं की पथप्रदर्शक हैं।
घरेलू खतरनाक कचरे का निपटान हमारे राज्य के लिए एक समस्याग्रस्त क्षेत्र है, क्योंकि नदी की धाराओं में लापरवाही से एंटी-बायोटिक दवाओं का निपटान किया जा रहा है, जिससे मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरा पैदा हो रहा है। राज्य बोर्ड का मूल कत्र्तव्य पर्यावरण कानूनों को विनियमित करना और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाना है। फिर भी, राज्य बोर्ड ने स्थानीय निकाय के साथ मिलकर काम करने और हमारे स्थानीय निकायों के मानव संसाधनों की क्षमता निर्माण में वृद्धि करने की सक्रिय भूमिका निभाई है, ताकि विनियमन का बेहतर अनुपालन प्राप्त किया जा सके। इस अवसर पर विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र नई दिल्ली के प्रतिनिधि सिद्धार्थ सिंह, हीलिंग हिमालयाज़ फाउंडेशन के संस्थापक प्रदीप सांगवान व चंदन कुमार सिंह ने भी अपने विचार रखे।
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