पीएम मोदी का हिमाचल को बड़ा तोहफा, चुनावी साल में मिलेगा बल्क ड्रग पार्क

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार हिमाचल के लिए चुनावी वर्ष में बल्क ड्रग पार्क का तोहफा दे सकती है।

Update: 2022-07-07 04:47 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार हिमाचल के लिए चुनावी वर्ष में बल्क ड्रग पार्क का तोहफा दे सकती है। यह उम्मीद इसलिए जगी है कि हिमाचल में इस पार्क के लिए सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए बिड किया है और अरसे बाद भारत सरकार में भी इस बात के लिए स्टीयरिंग कमेटी की बैठक हो गई है। इस बैठक के मिनट्स का इंतजार है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े रहे सूत्र कहते हैं कि हिमाचल और आंध्रप्रदेश को खुशखबरी मिल सकती है। दरअसल भारत सरकार ने तीन बल्क ड्रग पार्क देने के लिए मार्च 2020 में स्कीम लाई थी, जिसके तहत एक तरह से प्रतियोगिता के जरिए राज्यों का चयन होना था। इसमें आधार यह बनाया गया था कि कौन सा राज्य इस पार्क के लिए बिजली, पानी और सडक़ सस्ती कीमत पर देगा। सरकार ने बल्क ड्रग पार्क के लिए ऊना के हरोली विधानसभा क्षेत्र में 1400 एकड़ जमीन चिन्हित कर रखी है। यदि यह पार्क हिमाचल को मिल गया तो इसमें करीब 10000 करोड़ का निवेश और 15000 नौकरियां भी साथ आएंगी।

भारत सरकार शुरू में ही 1000 करोड़ की ग्रांट इस पार्क के लिए देने जा रही है। वर्तमान में हिमाचल में 700 फार्मा यूनिट हैं और ये करीब 25000 करोड़ से ज्यादा की बल्क ड्रग्स जिनको एपीआई यानी एक्टिव फार्मा इनग्रेडिएंट्स कहते हैं, वह यूज करती हैं। बल्क ड्रग पार्क देश में स्थापित करने के पीछे भी भारत सरकार का मकसद चीन पर निर्भरता खत्म करना है। वर्तमान में 60 फीसदी से ज्यादा बल्क ड्रग चाइना से ही आती हैं। बल्क ड्रग पार्क पर फैसला होने का दूसरा संकेत यह भी है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दिल्ली के अपने पिछले दौरे में केंद्रीय स्वास्थ्य और रसायन मंत्री मनसुख मांडवीया से बैठक कर इस पार्क के बारे में पैरवी की थी। दो रोज पहले हमीरपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी केंद्रीय मंत्री से मिलकर दोबारा से पैरवी कर चुके हैं। इसका अर्थ यह है कि सरकार और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को पता था कि स्टीयरिंग कमेटी की बैठक होने वाली है।


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