जेसीसी की बैठक में पेंशनरों को मिलेगी बड़ी राहत, जिंदा होने का सबूत देने का झंझट होगा खत्म

राज्य सरकार ने पेंशनरों की जेसीसी की बैठक 31 अगस्त को बुलाई है और उसके लिए विभिन्न पेंशनर एसोसिएशन के 19 पदाधिकारियों को जेसीसी में शामिल किया गया है।

Update: 2022-08-27 01:15 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्य सरकार ने पेंशनरों की जेसीसी की बैठक 31 अगस्त को बुलाई है और उसके लिए विभिन्न पेंशनर एसोसिएशन के 19 पदाधिकारियों को जेसीसी में शामिल किया गया है। इस बैठक में पेंशनरों की वित्तीय मांगों के अलावा प्रक्रिया से संबंधित कई राहतें दी जा सकती हैं। जेसीसी के लिए तय हो रहे एजेंडा में पेंशनरों के लाइफ सर्टिफिकेट को लेकर प्रक्रिया सरल की जा रही है। हर साल यह सर्टिफिकेट बनाने के लिए पेंशनरों को धक्के खाने पड़ते हैं। यह व्यवस्था राज्य के कोषागार ने बनाई हुई है इसके अनुसार साल में एक बार पेंशनरों को अपने जिंदा होने का सबूत लाइफ सर्टिफिकेट बना कर देना पड़ता है। अभी सर्टिफिकेट के लिए प्रक्रिया को इतना सिंपल किया जा रहा है कि पेंशनर की पंचायत में ही यह औपचारिकता पूरी हो जाए। इसके लिए किसी एसडीएम या तहसीलदार के पास न जाना पड़े।

जेसीसी की बैठक में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी एवं पेंशनर कल्याण बोर्ड की तरफ से इस बारे में कोई योजना लाई जा रही है। इसके साथ ही इन्हें कैशलेस इलाज की सुविधा के लिए भी किसी नई प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है। इससे बुजुर्ग अस्पतालों की लाइनों में लगने से बचेंगे। वर्तमान में अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सिर्फ पर्ची बनाने के लिए अलग से लाइन होती है, लेकिन इसके बाद डाक्टर के पास जाना हो तो धक्के खाने पड़ते हैं। पीजीआई और एम्स के लिए भी कोई नई योजना इस बैठक में सामने रखी जा सकती है। इसके अलावा पेंशनरों का अपना एजेंडा अलग से होगा, जिसमें यह पेंशन फिक्सेशन से लेकर टर्मिनल पेंशन वृद्धि को लेकर अलग से मांग रख सकते हैं। इस बैठक के लिए राज्य सरकार ने 91 पेंशनरों को जेसीसी की लिस्ट में शामिल किया है।
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