मंडी विश्वविद्यालय में VC की नियुक्ति पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश, ईओएल रद्द करने का फैसला गैरकानूनी
शिमला: प्रदेश हाई कोर्ट ने जिला मंडी के सरदार पटेल विश्वविद्यालय में डा. अनुपमा सिंह की नियुक्ति पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। अदालत ने विश्वविद्यालय की ओर से डा. अनुपमा सिंह की स्वीकृत असाधारण छुट्टी (ईओएल) को रद्द किए जाने के फैसले को गैर कानूनी बताया है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई चार जुलाई को निर्धारित की है। अदालत ने अपने आदेशों में कहा कि डा. अनुपमा सिंह को 17 अगस्त, 2022 को तीन वर्ष के लिए स्वीकृत की गई असाधारण छुट्टी प्राकृतिक न्याय और राज्यपाल के आदेशों के अनुरूप नहीं है। राजभवन सचिवालय ने 21 अप्रैल, 2022 को जारी अधिसूचना के तहत डा. अनुपमा सिंह को सरदार पटेल विश्वविद्यालय का प्रति कुलपति नियुक्त किया गया था। अनुपमा सिंह को तीन वर्ष के लिए प्रति कुलपति के पद पर नियुक्ति दी गई थी। सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी में बतौर सचिव कार्य कर रहीं मंडी जिले की देवधार निवासी डा. अनुपमा सिंह को तीन साल की अवधि के लिए पहले प्रो. वाइस चांसलर के रूप में नियुक्त किया गया था। याचिकाकर्ता अनुपमा सिंह की नियुक्ति के एक वर्ष के भीतर ही एचपीयू प्रशासन ने गत आठ मई को उसकी स्वीकृत असाधारण छुट्टी को रद्द कर दिया।
झील में डंपिंग करने पर बनी रहेगी रोक
शिमला। हाई कोर्ट ने कीरतपुर-मनाली फोरलेन निर्माण के मलबे को गोबिंदसागर झील में ठिकाने लगाने पर उपायुक्त बिलासपुर को प्रतिवादी बनाते हुए झील में मलबा डालने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि झील में किसी भी तरह की डंपिंग करने पर रोक बनी रहेगी। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 26 जून को निर्धारित की है।