सीआरआईएफ के तहत 101 करोड़ की सिर्फ दो सडक़ों को मंजूरी, दिल्ली में फंसे 653 करोड़ रुपए के नौ प्रोजेक्ट
शिमला: हिमाचल सेे दिल्ली पहुंचे सेंट्रल रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (सीआरआईएफ) के नौ प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार हो रहा है। राज्य सरकार ने करीब 754 करोड़ रुपए के 11 प्रोजेक्ट केंद्र को भेजे थे और इनमें से 101 करोड़ रुपए से ज्यादा के दो सडक़ प्रोजेक्ट मंजूर हो चुके हैं। राज्य सरकार केंद्र से हासिल होने वाले इस बजट को बरसात में बर्बाद हुई सडक़ों के सुधार में लगाएगी। खास बात यह है कि पिछले हफ्ते इनमें से केंद्र सरकार ने करीब 101 करोड़ रुपए की दो सडक़ों को मंजूरी दे दी है, जबकि नौ सडक़ों पर फैसला अभी आना बाकी है। इस समय 653 करोड़ रुपए के यह सभी प्रोजेक्ट केंद्र में फंसे हैं। इन प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलती है, तो ज्यादातर फंड केंद्र के हिस्से से ही आएगा। दरअसल राज्य सरकार का सीआरआईएफ में हिस्सेदारी 110 करोड़ रुपए की है और इसके 200 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना राज्य सरकार की तरफ से जताई गई है। गौरतलब है कि राज्य सरकार सीआरआईएफ में मंत्रियों और विधायकों की मंजूरी के बाद सडक़ों का चयन कर केंद्र सरकार को भेजती है। इसमें कई सडक़ें बड़े बजट की शामिल हैं। हालांकि बरसात के बाद सडक़ों के चयन में बदलाव हुआ है और राज्य सरकार ने नई सडक़ें सीआरआईएफ में जारी की हैं। इनकी संख्या 11 तक पहुंच गई थी और इसमें दो को मंजूरी मिलने के बाद अब यह आंकड़ा नौ पर है। गौरतलब है कि अभी तक हमीरपुर में रंगस से बगचाल तक सडक़ को 49 करोड़ की राशि केंद्र सरकार ने मंजूर कर दी है। यह मुख्य जिला सडक़ (एमडीआर)-115 को नेशनल हाईवे-3 से जोड़ती है। सडक़ की कुल लंबाई 14.61 किलोमीटर है। इसके अलावा चंबा जिला में शाहपुर-सिहुंता-चुवाड़ी सडक़ को भी सीआरआईएफ में मंजूरी मिल गई है। इस सडक़ को सिहुंता से लाहड़ू के बीच अनुमति मिली है। यह मंजूरी 23.43 किलोमीटर के हिस्से को मिली है। 52 करोड़ 82 लाख रुपए इस सडक़ के रखरखाव पर अब सीआरआईएफ से खर्च किए जाएंगे।