शिमला
जलशक्ति विभाग के अधिकारी अब परियोजनाओं को गोद लेंगे और इनकी देखरेख के लिए उत्तरायी रहेंगे। यह आदेश उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिशासी अभियंता स्तर के अधिकारी तीन-तीन योजनाओं और अधीक्षण अभियंता से प्रमुख अभियंता स्तर तक के अधिकारी एक-एक बड़ी योजना को गोद लेंगे, ताकि इन योजनाओं में बेहतर कार्य हो सके। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सोमवार को जलशक्ति विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रदेश में आमजन को 24 घंटे स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने की दिशा में भी कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिंचाई की दृष्टि से बेहतर कार्य करने के लिए रैपिड री-असेस्मेंट की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को हर विधानसभा क्षेत्र में रोडमैप तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए 67 प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई है। इसमें से 58 प्रयोगशालाओं को एनएबीएल से मान्यता प्राप्त हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि वर्षा और हिम जल संचयन, भूजल पुनर्भरण और स्रोत स्थिरता पर अधिक बल देने की आवश्यकता है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पीने के पानी के साथ-साथ सिंचाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि किसानों की आय में भी वृद्धि हो सके। उन्होंने पुराने कुंओं और तालाबों को सुरक्षित व संरक्षित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। इस अवसर पर सचिव जल शक्ति अमिताभ अवस्थी ने उपमुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा उनके निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन करने का आश्वासन दिया। बैठक में प्रमुख अभियंता संजीव कौल, प्रमुख अभियंता परियोजना धर्मेंद्र गिल, प्रदेश से सभी मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता और अधिकारी उपस्थित थे।