पानी के लिए तरस रहे लोगों ने कंट्रोल रूम फोन घुमाए तो जवाब मिला कि गिरि से सप्लाई ठप होने से आज भी पानी नहीं आएगा। इसके बाद लोगों ने कंपनी से टैंकर भेजने की मांग की।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पानी के लिए मारामारी शुरू हो गई है। शहर के कई इलाकों में शनिवार चौथे दिन भी पानी नहीं आया। पानी के लिए तरस रहे लोगों ने कंट्रोल रूम फोन घुमाए तो जवाब मिला कि गिरि से सप्लाई ठप होने से आज भी पानी नहीं आएगा। इसके बाद लोगों ने कंपनी से टैंकर भेजने की मांग की। टैंकरों की मांग इतनी बढ़ गई कि शाम 6:00 बजे तक कंपनी के कंट्रोल रूम में इसका आंकड़ा 41 तक पहुंच गया। कंपनी ने चक्कर समेत कई इलाकों में टैंकर भेजकर लोगों की खाली बाल्टियां भरीं। इसके अलावा सरकारी दफ्तरों में भी टंकियां भरने के लिए टैंकर भेजे गए। हालत यह थी कि रिज, मालरोड के सार्वजनिक नलकों में भी पीने का पानी नहीं बचा।
शहर के कई शौचालय पानी न होने के कारण बंद रहे। शनिवार को शहर के लोअर खलीनी, चक्कर, समरहिल, कसुम्पटी बाजार, ऐराहोम, संजौली जोन के कई इलाकों में चौथे दिन पानी मिलना था। लेकिन गिरि परियोजना में बिजली कट के चलते पंपिंग ठप रहने से शाम 7:00 बजे तक भी पानी नहीं आया। गुम्मा से भी शहर को कम पानी मिला। सभी परियोजनाओं से शिमला शहर को 26.41 एमएलडी पानी मिला जो सामान्य से करीब 22 एमएलडी कम रहा। हालांकि कंपनी ने दावा किया है कि गिरि से शाम 6:00 बजे पंपिंग शुरू हो चुकी है। ऐसे में शनिवार देर रात कई इलाकों में पानी दी जाएगी। जो इलाके रह जाएंगे, वहां रविवार सुबह सप्लाई देंगे।
कंपनी ने बुलाई आपात बैठक
पेयजल कंपनी के एमडी पंकज ललित ने शनिवार को जलसंकट पर अधिकारियों के साथ बैठक की। फैसला लिया गया कि रोज सुबह अब सभी वार्डों के कनिष्ठ अभियंताओं के साथ बैठक होगी। सभी रिपोर्ट देंगे कि किस इलाके में पानी की क्या स्थिति है। इसके बाद दिन का शेड्यूल तय होगा। इसमें जिन इलाकों में जलसंकट ज्यादा है, वहां प्राथमिकता के आधार पर सप्लाई दी जाएगी।
राजधानी में पेयजल संकट पर घिरी सरकार
चुनावी साल में राजधानी में गहराए जलसंकट पर अब पेयजल कंपनी के बाद सरकार पर भी सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस के बाद अब भाजपा के नुमाइंदों ने सोशल मीडिया पर खुलेआम शहर में गहराए जलसंकट के लिए सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों को जिम्मेदार ठहरा दिया है। दो बार के भाजपा पार्षद रहे संजीव ठाकुर ने शिमला में गहराए जलसंकट पर स्थानीय विधायक एवं शहरी विकास मंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। कहा कि राजधानी की जनता पहली बार बरसात में ऐसा जलसंकट देख रही है। इनके वार्ड के कुफ्टाधार इलाके में चौथे और पांचवें दिन पानी आ रहा है। पेयजल कंपनी से टैंकर के जरिये सप्लाई देने की मांग की थी लेकिन कंपनी ने टैंकर तक नहीं भेजे। ऐसे में अब हालात ऐसे बन गए हैं कि कंपनी दफ्तर के बाहर धरना देना पड़ेगा।
भाजपा से पूर्व मनोनीत पार्षद संजीव सूद ने जलशक्ति मंत्री को निशाने पर लिया है। सोशल मीडिया पर सवाल उठाते हुए संजीव सूद ने आरोप लगाए कि विभाग और कंपनी की मनमानी के चलते शिमला शहर की जनता पानी के लिए तरस रही है। शहर में पानी की व्यवस्था बेहतर हो, इसके लिए कंपनी में सहायक अभियंता की तैनाती की थी लेकिन इसे सीवरेज व्यवस्था संभालने के काम में लगा दिया। कहा कि चुनावी साल में जलसंकट महंगा पड़ सकता है। बिजली कट के लिए पूर्व पार्षद ने बिजली बोर्ड के अधिकारियों पर भी सवाल उठाए।
गाद, बिजली कट से घटी सप्लाई : मंत्री
राजधानी में गहराए पेयजल संकट पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि गाद और बिजली कट के चलते सप्लाई घटी है। कंपनी को निर्देश दिए हैं कि पंपिंग बढ़ाई जाए और शहर में नियमित सप्लाई दी जाए। बिजली बोर्ड को भी व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा है। शहर में जल्द पेयजल सप्लाई सामान्य होगी। जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से भी संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।