अब बिच्छू बूटी से बनी चाय रोकेगी खून की ब्लॉकेज, रक्तचाप भी होगा नियंत्रित

चाय की चुस्कियों के साथ अब शरीर की बीमारियों का इलाज भी होगा।

Update: 2022-03-25 06:24 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चाय की चुस्कियों के साथ अब शरीर की बीमारियों का इलाज भी होगा। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के नग्गर मनाली के आगाज सेल्फ हेल्प ग्रुप ने स्थानीय जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनी हर्बल चाय को बाजार में उतारा है। बिच्छु बूटी और लेमन ग्रास की चाय ब्लड ब्लॉकेज को दूर करने में रामबाण साबित होगी। इसके अलावा कूजे के फूल (रोजहीप) और पुदीने की चाय उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने का काम करती है। धर्मशाला के पुलिस मैदान में चल रहे सरस मेले में मनाली के आगाज सेल्फ हेल्प ग्रुप के स्टॉल पर बिच्छु बूटी की चाय की खूबियां जानने के लिए हर कोई उत्सुक है।

हेल्प ग्रुप की सचिव ज्योति का कहना है कि साग और चटनी के रूप में प्रयोग होने वाली बिच्छु बूटी को चाय के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है। जिससे ब्लड ब्लॉकेज ठीक होती है। इसकी तासीर अधिक गर्म न हो, इसके लिए लेमन ग्रास को डाला गया है। इसके अलावा कूजे के फूल का प्रयोग उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में किया जाता है। ग्रुप बिच्छु बूट, लेमन ग्रास, कूजे के फूल और पुदीना से चाय के अलग-अलग उत्पाद तैयार कर रहा है। इसके लिए खाद्य विभाग से लाइसेंस भी लिया है।
ऐसे आया कूजे के फूल की चाय का विचार
सचिव ज्योति ने कहा कि उनके मामा को बीपी (उच्च रक्तचाप) की समस्या रहती थी, तो उनकी मामी मामा को कूजे के फूल की चाय देती थी। जिससे उनका उच्च रक्तचाप नियंत्रित हो गया। यह फूल अकसर कुल्लू में मिल जाते हैं।
गाज सेल्फ हेल्प ग्रुप नग्गर मनाली ने चार प्रकार के चाय की वैरायटी को पेश किया है। इसमें बिच्छु बूटी और लेमन ग्रास चाय, कूजे के फूल और पुदीना चाय, लेमन ग्रास चाय और इन सभी के मिश्रण से हर्बल चाय बनाई है। प्रति 50 ग्राम चाय के पैकेट को 100 रुपये में बेचा जा रहा है। इसके अलावा जंगली लहसुन, जंगली अनारदान सहित उन्हे उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं।
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