शिमला। क्रिप्टो करंसी ठगी मामले के मास्टरमाइंड आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब एसआईटी मामले में शामिल पुलिस कर्मियों की भी जांच करेगी। बताया जा रहा है कि क्रिप्टो मुद्राओं, डीजीटी कॉइन, बीटीपीपी टोकन ठगी मामले में मास्टरमाइंड के साथ शामिल कई पुलिस कर्मियों ने बीआरएस ले ली है। बताया जा रहा है कि पुलिस विभाग से सेवानिवृत्ति लेने के बाद ठगी मामले में शामिल कई लोगों ने करोड़ों की संपत्ति खरीदी है। ऐसे में अब एसआईटी की जांच की सूई पुलिस विभाग से सेवानिृवत्त हुए पुलिस कर्मियों सहित अन्य पुलिस कर्मी, जिन्होंने लोगों की इन्वेस्टमेंट करवाई है, उनकी जांच भी की जाएगी। क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में दो मास्टरमाइंड आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद एसआईटी सहित प्रदेश के अन्य जिलों में भी ठगी मामले से जुड़ी शिकायतें आनी शुरू हो गई हैं।
साइबर सेल कांगड़ा और मंडी में ही करीब 40 शिकायतें आई हैं। इसके अलावा डीआईजी कार्यालय में भी शिकायतें आ रही हैं। मंडी में अब तक करीब 12 करोड़ से अधिक राशि की ठगी साइबर पुलिस थाना में आई हैं। पुलिस थाना पालमपुर में दर्ज मामले की जांच में क्रिप्टो मुद्रा निवेश से जुड़ी जटिल वित्तीय धोखाधड़ी योजनाओं का खुलासा हुआ है। करोड़ों की ठगी मामले में मुख्य आरोपी सुभाष शर्मा, सुखदेव ठाकुर, हेमराज ठाकुर और अन्य जो मंडी जिला के निवासी हैं। उधर, डीआईजी अभिषेक दुल्लर का कहना है कि एसआईटी क्रिप्टो कंरसी ठगी मामले में हर पहलू की बारिकी से जांच कर रही है। पुलिस कर्मियों पर आरोप सही पाए जाते हैं, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।