निजी नर्सिंग संस्थानों को नोटिस, स्टाफ को यूजीसी नियमों के तहत वेतन न देने पर कार्रवाई

प्रदेश के प्राइवेट नर्सिंग संस्थानों में यूजीसी के नियमों का सही तरीके से पालन न होने पर राज्य शिक्षण नियामक आयोग ने नोटिस जारी किए हैं।

Update: 2022-10-15 04:34 GMT

न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश के प्राइवेट नर्सिंग संस्थानों में यूजीसी के नियमों का सही तरीके से पालन न होने पर राज्य शिक्षण नियामक आयोग ने नोटिस जारी किए हैं। आयोग को शिकायतें मिली हैं कि 80 फीसदी शिक्षण संस्थान इन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, इसमें कॉलेजों में जो स्टाफ रखा गया है, उन्हें यूजीसी के नियमों के तहत स्केल नहीं दिया जा रहा है। वहीं स्टूडेंट एनरोलमेंट में भी गड़बडिय़ां सामने आई हैं। प्रदेश में वर्तमान में 48 निजी नर्सिंग संस्थान हैं। 34 संस्थान निर्धारित नियमों को पूरा नहीं करते हैं। इन संस्थानों ने नर्सिंग काउंसिल से पंजीकरण नहीं करवाया है। पंजीकरण न होने से कई संस्थानों में कार्यरत शिक्षक हिमाचल के अलावा पड़ोसी राज्यों के संस्थानों में भी सेवाएं दे रहे हैं। नर्सिंग काउंसिल के पास शिक्षकों का रिकार्ड तक नहीं दिया गया है। शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात के अनुसार शिक्षकों की संस्थानों में नियुक्ति नहीं हुई है।

कई संस्थानों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। सरकार के नियमानुसार हिमाचली मूल के 80 फीसदी लोगों को इन संस्थानों में रोजगार तक नहीं दिया जा रहा है। शिक्षकों को निर्धारित वेतन भी नहीं मिल रहा है। इन पांच बिंदुओं के आधार पर खामियां निकालते हुए आयोग ने जांच रिपोर्ट तैयार की है। ेइसी के चलते अब राज्य शिक्षण नियामक आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है और सभी नर्सिंग संस्थानों को नोटिस जारी करते हुए कहा कि कालेज अपना पूरा डाटा आयोग को भेजे। इसमें स्टूडेंट की हाजिरी से लेकर स्टाफ को दी जाने वाली सैलरी की भी जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही यह भी बताना होगा कि क्या कालेजों में जो स्टाफ रखा या है, उनकी शैक्षणिक योग्यता यूजीसी के मापदंडों के अनुसार है या नहीं।
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