इस सत्र से लागू नहीं होगी हिमाचल के कॉलेजों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, जानें वजह

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कॉलेजों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू नहीं करेगा।

Update: 2022-06-26 01:45 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कॉलेजों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू नहीं करेगा। इस नीति को पूरी तैयारी और सुविधाएं जुटाने के बाद अगले सत्र 2023-24 से लागू किया जाएगा। बीते दिनों एचपीयू की डीन कमेटी में नई शिक्षा नीति लागू करने को लेकर हुई चर्चा में मौजूद अधिष्ठाता समिति ने नई नीति के अनुरूप कॉलेजों को तैयारी और आवश्यक सुविधाएं जुटाने के लिए छह माह का समय देने का सुझाव दिया है।

हालांकि नई नीति को इसी सत्र से लागू करने के लिए सिलेबस में बदलाव और अन्य तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, लेकिन कॉलेज स्तर पर तैयारी करना बाकी है। अभी कॉलेजों में ढांचागत सुविधाएं, शिक्षकों और 90 प्राचार्यों के पद भरने बाकी हैं। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. कुलभूषण चंदेल ने कहा कि सुझावों की विस्तृत रिपोर्ट एचपीयू की जुलाई में होने वाली अकादमिक काउंसिल और फिर विवि की निर्णायक संस्था कार्यकारिणी परिषद (ईसी) में ले जाई जाएगी। उसमें ही आखिरी निर्णय लिया जाएगा। गौर हो कि 10 जुलाई से कॉलेजों में स्नातक की प्रवेश प्रक्रिया शुरू होनी है।
शिमला और मंडी विवि में एक साथ लागू होगी नई नीति
एचपीयू शिमला के तहत आने वाले 165 और सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के तहत आने वाले 137 कॉलेजों में एक साथ नई शिक्षा नीति लागू होगी, ताकि डिग्री में एकरूपता रहे।
नई शिक्षा नीति में ये होने हैं बदलाव
नई शिक्षा नीति को यूजी कोर्स में लागू करने पर फिर से सेमेस्टर सिस्टम लागू होना है। इसमें पाठ्यक्रमों में भी नीति के अनुसार बदलाव होना है। वहीं चार साल के कोर्स में मल्टीपल एंट्री, एग्जिट, एड ऑन कोर्स शुरू किए जाने हैं। नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (एनएडी) पोर्टल के तहत एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में छात्रों का पंजीकरण कर प्राप्त किए क्रेडिट को स्थानांतरित करने जैसी सुविधाएं शुरू की जानी हैं।
कॉलेजों में पूरी तैयारी के बाद लागू होगी होगा नीति : कुलपति
केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति और एचपीयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने कहा कि नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए कॉलेजों को पूरी तरह तैयार किया जाएगा। दोनों विवि मिलकर निर्णय लेंगे।
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