हिमाचल में 1100 से ज्यादा सड़कें बंद, सैकड़ों पर्यटक फंसे

Update: 2023-07-13 10:18 GMT
हिमाचल प्रदेश। एक समय पर्यटकों के लिए पसंदीदा स्थान रहा हिमाचल प्रदेश का रिसॉर्ट मनाली - सुरम्य ब्यास नदी घाटी में बसा, प्रकृति के प्रकोप के साथ क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश के बाद मलबे की भूमि में बदल गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक राज्य के आठ शहरों - मनाली, सोलन, रोहड़ू, ऊना, घमरूर, पच्छाद, हमीरपुर और केलोंग में जुलाई में एक दिन की बारिश के पिछले सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं. चार दिनों में किन्नौर तथा लाहौल और स्पीति जिलों में पूरे मानसून सीज़न की 43 प्रतिशत और 33 प्रतिशत बारिश हुई. राज्य में बुधवार को आठ लोगों की मौत की सूचना मिली, जिससे पिछले चार दिनों में भारी बारिश के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार कुल्लू में अचानक आई बाढ़ में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि सिरमौर और सोलन में भूस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई. शिमला जिले में दुर्घटनावश डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. बुधवार को शव बरामद किए गए। शिमला जिले के रामपुर में एक मरीज को अस्पताल ले जाते समय एक परिवार के चार सदस्य सतलुज नदी में गिर जाने से लापता हो गए.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को लाहौल और स्पीति के चंद्रताल में फंसे पर्यटकों को निकालने को एक चुनौतीपूर्ण कार्य करार दिया. सिस्सू, मनाली, लोसार और चंद्रताल इलाके का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद उन्होंने कहा, ''हमने हालात का जायजा लेने के लिए मंत्री और मुख्य विधायी सचिव संजय अवस्थी को चंद्रताल भेजा है. उन्होंने कहा कि अवस्थी के साथ जनजातीय किन्नौर जिले के राज्य मंत्री जगत सिंह नेगी चंद्रताल में बचाव कार्यों में सहायता देंगे. नेगी, भौगोलिक स्थिति और जनजातीय आपदाओं से भलीभांति परिचित हैं. करीब 300 लोग, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं, शनिवार से चंद्रताल में फंसे हुए हैं और सात बीमार लोग, जिसमें दो बुजुर्ग और एक लड़की शामिल है, उन्हें मंगलवार को हवाई मार्ग से चंद्रताल से भुंतर लाया गया. इस बीच, सड़क बचाव दल चंद्रताल के मार्गों पर जमा बर्फ को साफ कर रहा है. बचाव दल का नेतृत्व कर रहे काजा के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने कहा कि कुंजुम पास के समीप मार्ग तीन से चार फुट की बर्फ से ढक गया है और सड़क को फिर से बहाल करने का काम जोर-शोर से जारी है.
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