हिमाचल के स्कूलों में अगले दो दिन तक भोजन नहीं बनाएंगे मिड डे मील वर्कर, जानें पूरा मामला

केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 28 और 29 मार्च को मजदूर संगठन सीटू के बैनर तले होने वाली दो दिवसीय हड़ताल के चलते प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील कर्मी भोजन नहीं बनाएंगे।

Update: 2022-03-27 06:21 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 28 और 29 मार्च को मजदूर संगठन सीटू के बैनर तले होने वाली दो दिवसीय हड़ताल के चलते प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील कर्मी भोजन नहीं बनाएंगे। ट्रेड यूनियनों की देश व्यापी हड़ताल में भोजन बनाने वाले कर्मी भी शामिल होंगे। हड़ताल के चलते प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने दो दिनों तक स्कूलों में भोजन बनाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के प्रिंसिपलों को निर्देश जारी किए हैं।

सीटू से संबंधित वर्कर यूनियन का हड़ताल को लेकर नोटिस मिलने के बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय वैकल्पिक व्यवस्था करने में जुट गया है। शिक्षा निदेशक डॉ. पंकज ललित की ओर से सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर वर्करों की हड़ताल के चलते मिड डे मील की व्यवस्था को बनाए रखने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान भोजन बनाने को स्कूल स्तर पर व्यवस्था की जाएगी। सभी बच्चों को भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा।
उधर, सीटू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि मिड डे मील वर्करों का शोषण हो रहा है। केंद्र और प्रदेश सरकार इनके हित में कोई फैसला नहीं ले रही। इनका मानदेय बहुत कम है। इस मानदेय की अदायगी भी समय से नहीं हो रही। वर्करों का न्यूनतम वेतन नौ हजार रुपये प्रति माह होना चाहिए। 12 माह का इन्हें मानदेय मिलना चाहिए। इन मांगों को लेकर वर्करों ने ट्रेड यूनियनों की 28 और 29 मार्च को होने वाली हड़ताल में शामिल होने का फैसला लिया है।
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