कचहरी-श्यामनगर मार्ग पर जमीन चिन्हित, अब धर्मशाला में भी बनेगा अक्षरधाम मंदिर

Update: 2023-02-19 11:11 GMT
धर्मशाला
धर्मशाला में राज्य का पहला अक्षरधाम मंदिर बनाया जाएगा। धर्मशाला के कचहरी-श्यामनगर मार्ग में जिला कल्याण विभाग व बीडीओ कार्यालय की पहाड़ी पर स्थित प्राचीन शिव मंदिर के पास अक्षरधाम मंदिर के लिए भूमि चिन्हित की गई है। प्रदेश के धर्मशाला में पिछले कई वर्षों से अक्षरधाम मंदिर बनाने का प्रोपोजल बन रहा था, लेकिन इस बार आखिर अक्षरधाम मंदिर के लिए ज़मीन मिल गई है। इसको लेकर अब भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से भी कार्यवाही आगे बढ़ाई जा रही है। अब देश की राजधानी दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा की तर्ज पर पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी अक्षरधाम मंदिर बनाया जाएगा।
धर्मशाला में अक्षरधाम मंदिर बनाने के लिए बहुुत वर्ष पहले ऐतिहासिक अघ्ंाजर महादेव मंदिर खनियारा में ज़मीन चिन्हित की गई थी। हालांकि अघंजर महादेव मंदिर में अक्षरधाम बनाने का प्रोपोजल सिरे नहीं चढ़ पाया था। इसके अलावा भी कई स्थानों पर मंदिर बनाने के लिए स्थान देखे गए, लेकिन बात नहीं बन पाई। अब अक्षरधाम मंदिर को धर्मशाला में ही बनाए जाने के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है। जानकारी के अनुसार कचहरी-योल चुंगी शिवा ढ़ाबा चौंक से श्यामनगर रोड पर कल्याण विभाग व बीडीओ कार्यालय वाली पहाड़ी में एक प्राचीन शिव मंदिर है। उसी स्थान को अब अक्षरधाम मंदिर बनाने के लिए चिन्हित किया गया है। भूमि को भाषा एवं संस्कृति विभाग के नाम किया जाएगा, जिसके आधार पर अक्षरधाम मंदिर को बनाने को आगामी प्रोपोजल बनाया जाएगा। उधर, कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर ने बताया कि धर्मशाला में अक्षरधाम मंदिर बनाने का प्रोपोजल बनाया गया है। अब ज़मीन मिलने के बाद आगामी प्रक्रिया शुरू होगी।
क्या है अक्षरधाम मंदिर का मूल स्वरूप
नई दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर वास्तुकला का एक चमत्कार है, जो हजारों वर्षों की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करता है, और भगवान स्वामीनारायण (1781-1830) को श्रद्धांजलि है, जो महान संत हैं। दिल्ली में भव्य संरचना के निर्माण में लगभग पांच साल लग गए और छह नवंबर, 2005 को इसका उद्घाटन किया गया। आज यमुना नदी के किनारे में स्थित अक्षरधाम मंदिर में दुनिया भर में लाखों पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। मूल रूप से, अक्षरधाम शब्द को दो शब्दों 'अक्षर' से लिया गया है, जिसका अर्थ है अनंत और 'धाम' जिसका अर्थ है निवास। इसका अर्थ है एक साथ परमात्मा या शाश्वत का निवास। इसी तर्ज पर धर्मशाला में भी अक्षरधाम मंदिर का एक स्वरूप बनाया जाएगा।
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