लाहौल: चीन से सटे समदो बॉर्डर के लिए भावा-मुद सड़क के निर्माण का रास्ता साफ, वन विभाग ने दे दी मंजूरी
चीन से सटे समदो बॉर्डर के लिए एक और सामरिक महत्व की सड़क के निर्माण का रास्ता साफ हो गया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन से सटे समदो बॉर्डर के लिए एक और सामरिक महत्व की सड़क के निर्माण का रास्ता साफ हो गया। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति और किन्नौर को जोड़ने वाली सामरिक महत्व की 32 किलोमीटर लंबी भावा-मुद सड़क निर्माण के लिए वन विभाग ने अपनी मंजूरी दे दी है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) काजा डिवीजन ने भूमि अधिग्रहण के तहत वन विभाग के पास नौ करोड़ रुपये की अंतिम किस्त जमा करवा दी है। 12 करोड़ रुपये पहले ही जमा करवा दिए थे। यानी जमीन की कुल एनपीए (नेट प्रेजेंट वैल्यू) 21 करोड़ रुपये थी। अब लोक निर्माण विभाग इस सड़क का काम इसी सीजन से शुरू करेगा।
इस सड़क के बनने से शिमला से काजा की दूरी 468 से घटकर 318 किलोमीटर और समदो बॉर्डर की दूरी 398 से घटकर 298 किलोमीटर रह जाएगी। सेना को अब काजा पहुंचने में चार घंटे कम लगेंगे।
यह सड़क समुद्रतल से 12 हजार फीट की ऊंचाई से गुजरेगी। भावानगर-मुद सड़क बनने से समदो बॉर्डर पर तैनात सेना और आईटीबीपी के जवानों को सुविधा होगी। यह सड़क किन्नौर के भावानगर से निकलकर लाहौल-स्पीति के अंतिम गांव मुद में मिलेगी। आतर्गु पुल के पास यह सड़क समदो-काजा-ग्रांफू मार्ग से जुड़ेगी। स्पीति को किन्नौर से जोड़ने का यह दूसरा अहम मार्ग होगा। इससे स्पीति घाटी में पर्यटन को भी पंख लगेंगे। उधर, लोनिवि काजा के अधिशाषी अभियंता टशी ज्ञामजो ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए वन विभाग की मंजूरी मिल गई है। एनपीए की रकम जमा होने से अब इसका काम युद्धस्तर पर शुरू किया जाएगा।
सड़क निर्माण के लिए टेंडर इसी साल : मारकंडा
तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मारकंडा ने बताया कि एनपीए की रकम जमा करवा दी है। अब इसी साल सड़क निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। सड़क निर्माण के लिए केंद्र ने जमीन अधिग्रहण की पहले ही मंजूरी दे दी थी। एनपीए की रकम जमा न होने से कई सालों से जमीन लोनिवि के नाम नहीं हो रही थी, जिससे निर्माण कार्य लटका हुआ था।