Dharamsala,धर्मशाला: उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि Kangra district के सभी क्षेत्रों में पेयजल की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। शनिवार को धर्मशाला में वर्चुअल माध्यम से जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ आपूर्ति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बैरवा ने कहा कि जिन क्षेत्रों में भीषण गर्मी के कारण पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, वहां टैंकरों के माध्यम से आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि लोगों को किसी भी स्तर पर संकट का सामना न करना पड़े।
बैरवा ने जिले के क्षेत्रों की पेयजल योजनाओं के बारे में भी विस्तृत जानकारी ली और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उपमंडल मजिस्ट्रेटों को पेयजल आपूर्ति को लेकर उपमंडल स्तर पर नियमित रूप से बैठकें आयोजित करने को भी कहा गया है, ताकि किसी भी क्षेत्र में पेयजल की कमी न हो। डीसी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पेयजल के रैंडम सैंपल लेने को भी कहा, ताकि जल जनित बीमारियों को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि गर्मी व बरसात के मौसम में जल जनित बीमारियों की आशंका बनी रहती है, जिसके चलते विभाग 30 मई तक कांगड़ा जिले में डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा भी मना रहा है, जिसके तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों की डायरिया संबंधी जांच करेंगी और उन्हें दवाइयां भी देंगी। बैठक में एडीएम डॉ. हरीश गज्जू, जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके सूद सहित विभिन्न उपमंडलों के एसडीएम और आईपीएच विभाग के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे। वनों की आग पर काबू पाने के लिए जनसहभागिता की जरूरत उपायुक्त ने इस गर्मी में वनों में बढ़ती आग पर भी चिंता जताई। जनसहभागिता के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि वन हमारी अमूल्य संपदा हैं और इन्हें बचाना हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि वनों में लगने वाली आग पर काबू पाने के लिए जनसहभागिता और लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। लोगों को वनों में लगने वाली आग को बुझाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वनों में धुआं या आग लगने की सूचना मिलने पर नजदीकी वन विभाग कार्यालय या आपातकालीन सेवाओं के टोल फ्री नंबर-1077 पर सूचना दें। उन्होंने कहा कि वनों में लगने वाली आग पर काबू पाने के लिए आम जनता को वन विभाग के अधिकारियों और अग्निशमन विभाग का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे वनों में आग लगाने वाले असामाजिक तत्वों की सूचना हिमाचल प्रदेश वन विभाग और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दें। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियां जिनसे आग लगने की आशंका हो, जैसे कैंप फायर, वन क्षेत्रों में आतिशबाजी और झाड़ियों को साफ करने के लिए किसी भी तरह से आग लगाना आदि नहीं किया जाना चाहिए।