हिमाचल में आत्महत्या के मामले में 2020 के मुकाबले 2021 में 3.7 फीसदी ज्यादा केस दर्ज
हिमाचल में आत्महत्या करने वालों का आंकड़ा चिंताजनक तौर पर राष्ट्रीय औसत से अधिक दर्ज किया जा रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल में आत्महत्या करने वालों का आंकड़ा चिंताजनक तौर पर राष्ट्रीय औसत से अधिक दर्ज किया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार 2020 के मुकाबले 2021 में प्रदेश में सुसाइड का ग्राफ 3.7 फीसदी अधिक रहा। प्रदेश में सामने आए सुसाइड के कुल 889 मामलों में से ज्यादातर में कारण पारिवारिक समस्या और बीमारी से जुड़े रहे। राष्ट्रीय स्तर पर 2021 के जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश उन 12 राज्यों की सूची में शामिल है, जहां 2020 के मुकाबले 2021 में आत्महत्याओं के मामलों के ग्राफ में तीन फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ। 2021 राष्ट्रीय स्तर पर जहां सुसाइड की सालाना दर 12 रही, वहीं प्रदेश में यह आंकड़ा 12.3 रहा। तेलंगाना में सुसाइड के मामलों में 26 फीसदी की चिंताजनक बढ़ोतरी दर्ज की गई, तो उत्तर प्रदेश और पुंडूचेरी में यह आंकड़ा 23.5 प्रतिशत रहा। 2020 की तुलना में 2021 में आंध्र प्रदेश में 14.5, केरल में 12.3, तमिलनाडू में 12.1, महाराष्ट्र में 11.5, मणिपुर में 11.4 फीसदी अधिक लोगों ने सुसाइड किया। वहीं, 2020 की तुलना में 2021 में 15 राज्यों में आत्महत्या के मामलों में कमी देखी गई।