हिमाचल में बागबानी विभाग के अधिकारियों ने लगाए फसल के क्यास, 85 फीसदी सीजन पूरा

हिमाचल प्रदेश में इस बार ओलावृष्टि व ड्रॉट के बावजूद सेब उत्पादन चार करोड़ पेटियों को पार करने की संभावना हैं।

Update: 2022-09-28 03:09 GMT

न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश में इस बार ओलावृष्टि व ड्रॉट के बावजूद सेब उत्पादन चार करोड़ पेटियों को पार करने की संभावना हैं। बागबानी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार ड्रॉट के कारण सेब का साइज छोटा रहा, लेकिन फसल बंपर थी। सेब की करीब तीन करोड़ पेटियां मंडियों में पहुंच चुकी हैं। वहीं सरकारी व निजी कोल्ड स्टोरों में भी सेब की लाखों पेटियां स्टोर हैं। ऐसे उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदेश के ऊचंाई वाले क्षेत्रों में अभी भी 15 प्रतिशत सेब की फसल बाकी हैं। ऐसे में सेब सीजन चार से साढ़े चार करोड़ के बीच रहने के आसार हैं। किन्नौर जिला से करीब 35 लाख पेटियों के आने का अनुमान हैं। इस बार सीजन के शुरुआत में बागबानों को सेब के अच्छे दाम मिले हैं। स्पर किस्म का सेब अधिकतम 4000 रुपए प्रति पेटी तक बिका है। रॉयल सेब अधिकतम 3400 रुपए प्रति पेटी तक बिका।

12 अगस्त तक बागबानों को सेब के अच्छे भाव मिल रहे हैं। 13 अगस्त से सेब के बाजार भाव में गिरावट शुरू हो गई। 18 अगस्त से 15 सितंबर के बीच ज्यादातर बागबानों को मुश्किल से लागत मूल्य मिल पाया है। 13 अगस्त से सेब के रेट में गिरावट निरंतर का दौर एक माह तक जारी रहा। इससे अगस्त के पहले सप्ताह में जो सेब अधिकतम 2500 रुपए प्रति पेटी बिक रहा था, अगस्त के दूसरे पखवाड़े में उसके दाम गिरकर 1700 तक पहुंच गए। 20 अगस्त से 10 सितंबर के बीच एक वक्त ऐसा भी आया, जब बागबानों को मुश्किल से लागत मूल्य मिल पा रहा था। हालांकि बीते एक सप्ताह से सेब के बाजार भाव में हल्का सुधार जरूर हुआ।
एमआईएस के तहत 23 हजार मीट्रिक टन सेब की खरीद
हिमाचल प्रदेश में इस बार मंडी मध्यस्था योजना के तहत सेब की रिकार्ड खरीद हुई हैं। पहली बार हिमाचल प्रदेश में एमआईअएस यानी मंडी मध्यस्थता योजना के तहत 23 हजार मीट्रिक टन सेब खरीदा गया हैं। प्रदेश में अभी तक इस सीजन में 23 हजार मीट्रिक टन से अधिक का सेब सभी एकत्रीकरण केंद्र के माध्यम से आ चुका है तथा नीलामी केंद्रों में भेजा जा चुका है।
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